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सावधान: क्या आपके भी नाखूनों के रंग में हो रहा है बदलाव? गंभीर बीमारियों का हो सकता है संकेत


नई दिल्ली। शरीर में कुछ भी असामान्य नजर आने को हल्के में लेना आपके लिए बड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। त्वचा के रंग में बदलाव पर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है। कई बार इसके आधार पर गंभीर बीमारियों का शुरुआत में ही पता लगाकर बड़ी समस्याओं से बचाव किया जा सकता है। विशेषज्ञ कहते है, सभी लोगों को आंखों, त्वचा, पेशाब, नाखून के रंग पर लगातार निगरानी बनाए रखना चाहिए, यदि इसमें कुछ भी असामान्य सा नजर आए तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।


नाखूनों में नीलेपन का कारण

कुछ स्थितियों में आपके नाखूनों को रंग हल्का गुलाबी की जगह नीला या काला दिखाई दे सकता है। आमतौर पर चोट के कारण त्वचा या नाखून का रंग नीला हो जाता है, हालांकि यदि आपको चोट नहीं लगी है फिर भी इस तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें। कुछ स्थितियों में नाखून का रंग नीला पड़ने के लिए सायनोसिस नामक समस्या को मुख्य कारण के तौर पर देखा जाता है। सायनोसिस, रक्त में ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली समस्या है। नाखूनों के अलावा, सायनोसिस आमतौर पर हाथों, पैरों के तलवों और मुंह को भी प्रभावित करता है। 


क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज

फेफड़ों की विभिन्न समस्याओं के परिणामस्वरूप भी नाखूनों का नीला रंग हो सकता है। इसमें क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) भी शामिल है। सीओपीडी, फेफड़ों की कई प्रकार की समस्याओं का संयुक्त रूप माना जाता है। इसमें शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा प्रभावित हो सकती है, जिसका शरीर के अन्य अंगों पर भी नकारात्मक असर देखा जा सकता है।


रक्त वाहिकाओं की समस्या

डॉक्टर्स कहते हैं, रक्त कोशिकाओं या वाहिकाओं से संबंधित कुछ समस्याएं भी नाखून में नीलेपन का कारण बन सकती हैं। मेथेमोग्लोबिनेमिया ऐसी ही एक स्थिति है। मेथेमोग्लोबिन के स्तर में वृद्धि का कारण मेथेमोग्लोबिनेमिया की समस्या होती है। कुछ रसायनों या एंटीबायोटिक दवाओं के कारण लोगों को यह स्थिति जन्म से हो सकती है या बाद भी विकसित हो सकती है। इसमें त्वरित उपचार की आवश्यकता होती है।


हृदय से संबंधित समस्याएं

नाखूनों में नीलेपन की समस्या हृदय विकारों का भी संकेत हो सकती हैं। कॉग्नेटिव हार्ट डिजीज की स्थिति में नाखून और त्वचा के रंग में इस तरीक के बदलाव देखे जा सकते हैं। ईसेनमेंजर सिंड्रोम नामक दुर्लभ हृदय विकार के कारण भी इस तरह की समस्याओं का जोखिम हो सकता है। हृदय की समस्याएं गंभीर दिक्कतों का कारण बन सकती हैं, कुछ मामलों में इनके घातक होने का भी जोखिम होता है, इसी वजह से नाखूनों में हो रहे बदलाव पर विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।