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तेज आवाज में डीजे बजाने वालो पर पुलिस ने कसा शिकंजा, साउंड सिस्टम किए जब्त

दुर्ग। पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा के निर्देशन में जिले भर के डीजे संचालकों की मीटिंग कंट्रोल रूम में ली गई थी। जिसमें उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन हेतु बताया गया था, जिसके बाद डीजे संचालकों के द्वारा तय मानकों से ज्यादा एवं देर रात्रि अत्यंत तीव्र आवाज में डीजे का संचालन करते हुए पाए जाने पर एवं शासन प्रशासन के दिए गए निर्देशों व न्यायालय के आदेशों के पालन न करने एवं अपनी मनमानी करने के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर संजय कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में जिला दुर्ग शहर के समस्त राजपत्रित अधिकारीयों एवम थाना प्रभारियों के द्वारा कार्यवाही करते हुए 15 से अधिक डीजे जप्त कर कोलाहल अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई, यह कार्यवाही लगातार तीन दिवस से चल रही है जिसमे डीजे संचालकों पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है।

रात्रि को 10 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाना पूर्णतः प्रतिबंधित है। ध्वनि के संबंध में परिवेशी वायु क्वालिटी मानक निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार ओद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय 75 डीबी और रात में 70 डीबी, वाणिज्य क्षेत्र में दिन में 65 और रात में 55 डीबी, आवासीय क्षेत्र में दिन में 55 और रात में 45 डीबी तथा शांत क्षेत्र में दिन में 50 और रात में 40 की लिमिट में होने चाहिए। डी. जे. का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित है।

किसी भी वाहन में यदि मोडिफिकेशन किया जाता है, तो उसकी नियमानुसार अनुमति संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी / अनुविभागीय दण्डाधिकारी या क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से ली जानी आवश्यक है। मानक स्तर से अधिक उंची आवाज में यदि ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाया जाता उसके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जावेगी, जिसके लिए आयोजक एवं डी.जे. जिम्मेदार होंगे। मानक स्तर से अधिक आवाज में ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाये जाने की अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार, पुलिस निरीक्षक, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की टीम इनके खिलाफ कार्रवाई लगातार करेगी।