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नीट में अब सिर्फ दो हफ्ते :प्रदेश के कालेजों में अभी एमबीबीएस की 1230 सीटें, रायपुर में 100 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव

मेडिकल कालेज में दाखिले के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीट की 17 जुलाई को होने वाली परीक्षा के लिए दो हफ्ते बचे हैं और छत्तीसगढ़ में सरकारी अमले ने ऐसी कोशिशें तेज कर दी हैं, ताकि यहां मेडिकल सीटें बढ़ें और उम्मीदवारों को फायदा हो जाए। जिस तरह से प्रस्ताव भेजे गए हैं, उस आधार पर अफसरों को उम्मीद है कि इस सत्र में कोरबा और महासमुंद को मिलाकर दो सरकारी तथा एक निजी मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिल सकती है।


प्रदेश के कालेजों में अभी एमबीबीएस की 1230 सीटें हैं। इन कालेजों को मान्यता मिलने से 400 सीटें बढ़ जाएंगी। इसी तरह, केंद्र सरकार की पुराने कालेजों को लेकर बनाई गई योजना के अनुरूप रायपुर मेडिकल कालेज में 100 सीटें और बढ़ाने का प्रस्ताव नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को भेज रहे हैं। इसे भी अनुमति मिल गई तो छत्सतीसगढ़ में मेडिकल सीटें आने वाले सत्र के लिए बढ़कर 1730 होने की संभावना है। इससे छत्तीसगढ़ के मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिए कटऑफ पिछले साल से कुछ नीचे आ सकता है।


भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक कोरबा और महासमुंद में प्रस्तावित शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एनएमसी द्वारा बीते वर्ष गिनाई गई कमी को दूर कर मान्यता के लिए दोबारा आवेदन किया जा चुका है। वहीं भिलाई के निजी मेडिकल कॉलेज के लिए भी आवेदन किया गया है, जिसे राज्य सरकार एनओसी दे चुकी है।


अंबिकापुर, बिलासपुर, रायगढ़ मेडिकल कॉलेजों ने सीट बढ़ाने प्रस्ताव भेजा है। गौरतलब है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले साल जांजगीर-चांपा और बेमेतरा में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की गई थी। इन कॉलेजों की स्थापना के लिए संचालनालय स्तर पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति हुई थी। इन्होंने डीएमई को इससे संबंधित रिपोर्ट सौंप दी है।


डॉक्टरों की कमी दूर होगी

राज्य में अभी 12,551 डॉक्टर पंजीकृत हैं, यानी 2.90 करोड़ की आबादी में 2,360 लोगों पर एक एमबीबीएस डॉक्टर है। अगले, 5 सालों में अधिक डॉक्टर मिलेंगे। इसके साथ ही आदिवासी और दूरस्थ जिलों से एमबीबीएस की डिग्री लेने वाले वहीं सेवा दे सकेंगे। स्वास्थ्य का स्तर सुधरेगा।


प्रति सीट 1.24 करोड़ रुपए

केंद्र सरकार जुलाई 2022 में समाप्त हो रहे फिफ्थ इयर प्लान के तहत कॉलेज में एमबीबीएस की एक सीट बढ़ने पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 1.24 करोड़ रुपए देगी। जैसे, रायपुर मेडिकल कॉलेज में अभी 180 सीट हैं। 20 और सीट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। अगर, एनएमसी प्रस्ताव से संतुष्ट हुई तो केंद्र को अनुशंसा करेगी। केंद्र राशि जारी करेगा। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा और फिर दाखिले होंगे। चिकित्सा शिक्षा विभाग से सभी कॉलेजों को इस आशय का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है।


निजी कालेजों की राह भी आसान

निजी मेडिकल कॉलेज के डीन एवं एनएमसी के एक्स इंस्पेक्शन कॉर्डिनेटर डॉ. मानिक चटर्जी ने बताया कि अब कॉलेज खोलने के लिए नियम बदले गए हैं। पूर्व के नियमों के अनुसार, कॉलेज के पास 20 एकड़ की जमीन होनी चाहिए थी, मगर इस बार थोड़ी आसानी की गई है। कॉलेज बिल्डिंग, लेक्चर हॉल, हॉस्पिटल बिल्डिंग और लैब कितने वर्गफीट में हो, यह निर्धारित करने से पूरी संरचना 12 एकड़ में बन जाएगी। और भी तकनीकी राहतें हैं, जिनसे कालेज खोलना आसान होगा।


महासमुंद, कोरबा कालेजों ने कमियां सुधारकर भेजा प्रस्ताव, इनकी मान्यता से यहां उम्मीदवारों के मौके बढ़ेंगे


रायपुर मेडिकल काॅलेज में सीट बढ़ी तो फायदे को ऐसे समझिए

प्रदेश में सबसे ज्यादा कटऑफ (पिछले साल 570-580) रायपुर के पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के लिए रहता है। डीएमई के अधिकारियों के अनुसार 100 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है। अगर यह बढ़ गईं तो रायपुर के लिए कटऑफ 10 नंबर नीचे आ जाएगा। मतलब 560-570 नंबर पर भी एडमिशन मिल सकता है।