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PPE किट पहनकर डॉक्टर्स ने कराई कोरोना पॉजिटिव महिला की नॉर्मल डिलीवरी, बच्चे की रिपोर्ट आई निगेटिव

बिलासपुर के मातृ-शिशु अस्पताल में शुक्रवार को प्रसव पीड़ा के दौरान पहुंची महिला कोरोना पॉजिटिव निकल गई। इसके चलते अस्पताल के स्टाफ ने PPE किट पहनकर उसकी नॉर्मल डिलीवरी कराई और महिला ने स्वस्थ्य शिशु को जन्म दिया। जांच में बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आने पर डॉक्टरों ने राहत की सांस ली। डिलीवरी के बाद मां और बच्चे को अभी जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया है।


गनियारी निवासी कल्याणी साहू (32 साल) को शुक्रवार सुबह प्रसव पीड़ा शुरु हुई, तब परिजन उसे लेकर मातृ-शिशु अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां अस्पताल स्टाफ ने उसे वार्ड में भर्ती कराया। फिर एहतियात के तौर पर महिला की कोरोना जांच की गई। टेस्ट में प्रसूता की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई।


कोरोना पॉजिटिव महिला का प्रसव पीड़ा बढ़ने पर स्टाफ ने आनन-फानन में उसे ऑपरेशन थियेटर में शिफ्ट किया। इस दौरान डॉक्टर और स्टाफ ने PPE किट पहनकर उसके ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी। ऑपरेशन से पहले स्टाफ ने महिला का नॉर्मल डिलीवरी कराने की कोशिश की, जिसमें कुछ ही देर में उन्हें सफलता भी मिल गई और कोरोना पॉजिटिव महिला ने स्वस्थ्य शिश को जन्म दिया।


मां के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद डॉक्टरों ने शिशु की भी कोरोना जांच कराई, जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद डॉक्टर व स्टाफ ने राहत की सांस ली। डिलीवरी के बाद मां व शिशु स्वस्थ्य हैं। अब उन्हें जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया है।


परिजन को भी दिया गया प्राइवेट वार्ड

अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के साथ उसके एक परिजन के भी कोविड वार्ड में रहने की व्यवस्था की है। उन्हें कोविड वार्ड में प्राइवेट वार्ड दिया है। डॉक्टरों के अनुसार महिला में कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं है। फिर भी डॉक्टर महिला और उसके शिशु पर नजर रखे हुए हैं।


स्टाफ ने भी कराई जांच, रिपोर्ट आई निगेटिव

महिला की डिलीवरी कराने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने डिलीवरी कराने वाले स्टाफ का भी कोरोना टेस्ट कराया है। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके साथ ही प्रसूता के साथ आने वाले परिजनों की भी जांच कराई गई। उनकी भी रिपोर्ट निगेटिव आई है।


कोरोना की तीसरी लहर के बाद पहली बार हुई डिलीवरी

कोरोना को लेकर पहली लहर में शहर से लेकर गांव तक दहशत का माहौल था। इसके चलते लोग कोरोना पॉजिटिव आने पर घबरा जाते थे और मरीजों से दूर भागने की कोशिश करते थे। कोरोना संक्रमण बढ़ने पर अस्पतालों में भी एहतियात बरती जा रही थी। लिहाजा, इस दौरान डिलीवरी होने पर मरीजों की जांच के साथ ही पॉजिटिव आने पर PPE किट पहन कर डिलीवरी कराई जा रही थी। दूसरी लहर में तो कोविड वार्ड में प्रसूता महिलाओं के लिए जिला अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया गया था। लेकिन, तीसरी लहर में संक्रमण का खतरा कम हो गया था। सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि तीसरी लहर के बाद पहली बार प्रसूता महिला की डिलीवरी PPE किट पहन कर कराया गया है।