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शिक्षक भर्ती में आरक्षण नीति की वजह से अड़ंगा , लोक शिक्षण संचालक को समस्या से कराया अवगत

शिक्षक भर्ती में आरक्षण नीति की वजह से अड़ंगा लगा हुआ है, पहली सूची में आरक्षण का लाभ को दे दिया, लेकिन दूसरी सूची में वंचित कर दिया। इस पर डीएड-बीएड संघ के माध्यम से अभ्यर्थी शनिवार को लोक शिक्षण संचालक से मुलाकात की है। पिछले तीन साल से कछुआ चाल से धीमी गति से जारी 14,580 शिक्षक भर्ती में आरक्षण नीति का पेंच फंस गया है, 5% आरक्षण नहीं मिलने से सैकड़ों चयनित विद्यार्थी अपात्र माने जा रहे हैं।

डीएड बीएड संघ के प्रदेशाध्यक्ष दाउद ख़ान ने बताया कि पहली सूची में पाँच प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया था, लेकिन दूसरी सूची में फिर से आरक्षण हटा दिया गया है. इस पर लोक शिक्षण संचालक से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया गया है। उन्होंने समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया है। दाउद खान ने बताया कि भर्ती नियम में स्पष्ट है. उसके बाद भी कहीं लाभ दिया जा रहा तो कहीं अपात्र किया जा रहा है, हमारा सवाल यही है स्कूल में कॉलेज एवं बीएड डीएड में सभी जगह 5% छूट दी गई है तो अब क्यों? STSC, OBC, HC को सभी भर्तियों में पाँच प्रतिशत का छूट देने का प्रावधान है। पहले भी अन्य भर्तियों में 5% आरक्षण दी गई, और भारतीय नियम भी स्पष्ट लिखा गया है पूर्व में जारी नियमों में नए नियमों का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। मामले में लोक शिक्षण संचालक सुनील जैन ने बताया कि अभ्यर्थी समस्या लेकर आए थे। पहले में आरक्षण का लाभ दिया गया था, तो दूसरे में भी दिया जाएगा। इस विषय पर जांच कर उचित निराकरण किया जाएगा।