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देश और दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा तोहफा है ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ : अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर  ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ पहुंचे इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में सबसे पहले इस शुभ कार्य से जुड़े सभी लोगों का दिल से आभार प्रकट किया और धन्यवाद दिया. अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज 21वीं शताब्दी है, लेकिन जो विचार आज से कई शताब्दी पहले दिए गए, वो आज भी उतने ही सत्य है, विचार भी उतने बड़े हैं. साथ ही कहा कि मुझे खुशी इस बात की है कि स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी समता का ये प्रतीक ना केवल 216 फीट ऊंचा है बल्कि ये देश और दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा तोहफा (Gift) दिया है.अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत की भूमि इसलिए भी महान कही जाती है कि हजारों साल पुराना इतिहास आज भी दुनिया में भारत को अलग स्थान में लाकर खड़ा कर देता है. उन्होंने आगे कहा कि दुर्भाग्य ये है कि हमारी पिछली कुछ पीढ़ियों ने पश्चिम की ओर देखना शुरू कर दिया, सत्य ये है कि आज पूरा पश्चिम भारत की ओर देख रहा है. इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने समाज सुधारक और 11वीं सदी के संत रामानुजाचार्य की स्वर्ण प्रतिमा का अनावरण किया.इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि रामानुजाचार्य जी की प्रतिमा का अनावरण करना मेरा परम सौभाग्य है. इस देश में रामानुजाचार्य जी की भव्य प्रतिमा को स्थापित कर चिन्ना जीयर स्वामी ने इतिहास रचा है. भारत के गौरवशाली इतिहास में भक्ति और समता के सबसे महान ध्वजवाहक भगवत श्री रामानुजाचार्य सहस्राब्दी स्मृति महामहोत्सव के शुभअवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं. इस समारोह में भाग लेना और रामानुजाचार्य जी की स्वर्णिम प्रतिमा का अनावरण करना मेरे लिए परम सौभाग्य का विषय है.राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि स्वामी जी की प्रतिमा से इस क्षेत्र में विशेष अध्यात्मिक ऊर्जा का सदैव संचार होता रहेगा. ये एक दैवीय संयोग है कि इस क्षेत्र का नाम राम नगर है. ये क्षेत्र भक्ति भूमि है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि तेलंगाना की हर यात्रा मेरे लिए महत्व रखती है, लेकिन आज की इस यात्रा के दौरान देश की आध्यात्मिक, सामाजिक परंपरा के महान अध्याय से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. 100 वर्ष की आयु तक सक्रिय रहने का सुसंकल्प श्री रामानुजाचार्य के जीवन में सार्थक हुआ था. 100 वर्षों से अधिक अपनी जीवन यात्रा के दौरान स्वामी जी ने आध्यात्मिक और सामाजिक स्वरूप को वैभव प्रदान किया.