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डिमेंशिया के इन शुरुआती लक्षणों को नोटिस करते ही डॉक्टर से कराएं ट्रीटमेंट
दुनिया में हर तीसरा व्यक्ति किसी न किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहा है लेकिन हर मानसिक बीमारी इतनी गंभीर नहीं होती। इनमें से कई बीमारियां शॉर्ट ट्रम के लिए होती हैं, जो समय के साथ खुद भी ठीक हो जाती हैं लेकिन डिमेंशिया ऐसी बीमारी है, जिसका असर धीरे-धीरे आप पर पड़ता है। कई बार तो ऐसा होता है कि लोगों को इस बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी ही नहीं होती है और वे डिमेंशिया के संकेतों को वक्त रहते नहीं पहचान पाते। ज्यादातर लोग डिमेंशिया को भूलने की बीमारी के नाम से जानते हैं, लेकिन सिर्फ बातें या यादें भूलना ही इसका लक्षण नहीं है बल्कि यह कई तरह से आपकी हेल्थ को प्रभावित करता है। डिमेंशिया के अनेक गंभीर और चिंताजनक लक्षण होते हैं, जिसका असर डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के जीवन के हर पहलु पर होता है। ऐसे में इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है।
बातचीत करने में होती है परेशानी
मेंटल हेल्थ के शुरुआती चरणों लोगों को बात करने में मुश्किल होती है। बातें सुनने के बाद भी वे कई बार सही से रिएक्ट नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें सही से बातें समझ नहीं आती। ज्यादातर सही शब्द या राय रखने मुश्किल होती है। जो लोग पहले बातचीत में काफी एक्टिव रहते थे, उनके लिए ग्रुप डिस्कंशन का हिस्सा बनना मुश्किल हो जाता है।
मूड बदलना
कई लोग मूड में बदलाव का अनुभव करते हैं। डिमेंशिया का एक प्रारंभिक लक्षण, उतार-चढ़ाव वाला मूड, लम्बे समय तक जारी रहता है। कुछ लोग अचानक ही उदास हो जाते हैं और रोने लग जाते हैं।
इसके अलावा इन संकेतों पर भी ध्यान दें
-हॉबी से दूर जाना
-कार्यों को पूरा करने में असमर्थता
-लगभग हर चीज को लेकर कंफ्यूजन
-किसी दिशा को भूलना/दिश भ्रम
-याद न रहने पर बार-बार चीजों को रिपीट करना
-खराब निर्णय कौशल
-परिवर्तनों के अनुकूल होने में कठिनाई
-अल्जाइमर रोग के मामले में पीछे हटना या चिंतित होना