याद किये गए हबीब, 100वीं जयंती पर खैरागढ़ विश्वविद्यालय में हुआ व्याख्यान
खैरागढ़। देश और दुनिया के सुप्रसिद्ध रंगकर्मी, नाट्य लेखक, नाट्य निर्देशक और अभिनेता स्व. हबीब तनवीर की 100वीं जयंती के अवसर पर इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ ने एक महत्वपूर्ण आयोजन के माध्यम से उन्हें स्मरण किया और आदरांजलि दी। इसके अंतर्गत 'सौ बरस के हबीब' शीर्षक के साथ हबीब पर आधारित व्याख्यान रखा गया। वरिष्ठ पत्रकार व समीक्षक गिरिजाशंकर इसके मुख्य अतिथि थे। विश्वविद्यालय के थिएटर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ योगेंद्र चौबे के संयोजन में आयोजित इस व्याख्यान कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो डॉ आईडी तिवारी और कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो डॉ काशीनाथ तिवारी विशेष रूप से उपस्थित थे। 'सौ बरस के हबीब' पर अपनी बात विस्तार से रखते हुए मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार व समीक्षक गिरिजाशंकर ने हबीब तनवीर से साथ गुजरे पल और अपने अनुभवों को साझा किया ही, यह भी बताया कि हबीब साहब ने किस तरह छत्तीसगढ़ के अनेक कलाकारों को दिशा प्रदान की। उन्होंने बताया कि हबीब ने लोक के मर्म और विषयवस्तु को नाट्य के रूप में प्रयोग करते हुए लोकनाट्य को कैसे अंतर्राष्ट्रीय पटल पर स्थापित किया। और इसीलिए, हबीब हमेशा प्रासंगिक रहेंगे।