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हिजाब विवाद का मामला लोकसभा में भी गूंजा , विपक्ष के हंगामे के बाद कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने किया वॉकआउट , देखें पूरी खबर

कर्नाटक : कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाते हुए कहा, देश में हर मजहब के लोग रहते हैं औऱ उनकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं. हिजाब पहनना कोई गुनाह नहीं है. लेकिन देश के कई हिस्सों में हिजाब पहनने को लेकर अत्याचार हो रहे हैं.मंगलवार को लोकसभा में भी ये मुद्दा उठाया गया जिसपर विपक्ष ने खूब हंगामा किया. इसके बाद कई पार्टियों ने वॉकआउट भी कर दिया. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस, डीएमके, सीपीएम, आईयूएमएल, सीपीएम, सीपीआई, वीसीके, एमडीएमके और जेएमएम ने सभा से वॉकआउट कर दिया.इससे पहले कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाते हुए कहा, देश में हर मजहब के लोग रहते हैं औऱ उनकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं. हिजाब पहनना कोई गुनाह नहीं है. लेकिन देश के कई हिस्सों में हिजाब पहनने को लेकर अत्याचार हो रहे हैं. मजबह में दरार पैदा हो रही है. उन्होंने कहा, इस मामले में सरकार संसद में जवाब दे. वहीं कर्नाटक के बीजेपी सांसद बीजेपी सांसद शिवकुमार चनबसप्पा ने कहा कि ये मामला कोर्ट में है, इसलिए इसे संसद में नहीं उठाया जा सकता.

कर्नाटक हाई कोर्ट ने की थी शांति बनाए रखने की अपील

इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते हिजाब विवाद के बीच मंगलवार को विद्यार्थियों और आम लोगों से शांति और सौहार्द बनाये रखने की अपील की. तटीय शहर उडुपी में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी महिला कॉलेज में पढ़ने वाली कुछ छात्राओं की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि इस पर अब बुधवार को आगे सुनवाई होगी.

न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की एकल पीठ ने कहा, ‘‘यह अदालत विद्यार्थियों और आम लोगों से शांति और सौहार्द बनाये रखने का अनुरोध करती है. इस अदालत को समग्र जनता की बुद्धिमता और सदाचार पर पूरा भरोसा है और उम्मीद करती है कि इसे व्यवहार में भी अपनाया जाएगा. ’’
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से यह घोषित करने का अनुरोध किया है कि कॉलेज परिसर में इस्लामिक प्रथा के तहत हिजाब पहनने सहित जरूरी धार्मिक प्रथाओं को अपनाना उनका मौलिक अधिकार है. न्यायमूर्ति दीक्षित ने लोगों को भारतीय संविधान में भरोसा रखने की सीख देते हुए कहा कि कुछ शरारती तत्व ही इस मामले को तूल दे रहे हैं. न्यायमूर्ति दीक्षित ने आगे कहा कि आंदोलन, नारेबाजी और विद्यार्थियों का एक दूसरे पर हमला करना अच्छी बात नहीं है.