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नौकरी दिलाने के नाम पर लाखो की ठगी , युवक खुद को बता रहा था सीबीआई अफसर, अब सलखो के पीछे


रायपुर.  सिविल लाइन पुलिस ने ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है. उस पर  खुद को  CBI Cid  का अफसर बनकर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का आरोप है. रायपुर के अलावा 4 अन्य जिलों के थानों में भी अपराध दर्ज किया गया है.।


बता दें कि निलंबन के बाद आरक्षक को दुर्ग जिला मुख्यालय में अटैच कर दिया गया था. इसी बीच रायपुर के सिविल लाइन थाने में उसके खिलाफ ठगी का मामला सामने आया. तब पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की है. इस संबंध में सिविल लाइन पुलिस ने बताया कि 


उसके खिलाफ शिकायत रीना सोनी ने की है. रिपोर्ट के मुताबिक रीना सोनी पंचशील नगर में रूबी ब्यूटी पार्लर चलाती है.।


वहां संजीव मिश्रा आता-जाता रहता था. उसने खुद को सीबीआई में बड़ा अधिकारी बताया था. संजीव ने उसस कहा कि यदि पुलिस और वन विभाग में किसी की भर्ती करानी है तो अपने परिचितों से संपर्क कर लें. मैं भर्ती करा दूंगा. साथ ही अपने परिचितों से कुछ रकम एडवांस लेने और शेष रकम काम होने के बाद लेने को कहा.


   तीन परिचितों से दिलाए 16 लाख


 रीन ने उस पर विश्वास करते हुए 11 दिसंबर 2021 को अपने परिचित कमलेश चंद्र से 10 लाख रुपये, सागर ठाकुर से तीन लाख और विपिन सिंह से तीन लाख रुपये लेकर कुल 16 लाख कमलेश चंद्र व विक्की विश्वकर्मा की मौजूदगी में संजीव मिश्रा को दिए थे. लेकिन, भर्ती का परिणाम आने पर उनमें से किसी का चयन नहीं हुआ.


रकम लौटाने से किया इंकार ताे लिखाई रिपोर्ट

रीना ने संजीव मिश्रा से फोन किया तो संजीव का नंबर बंद आने लगा. बाद में संपर्क हुआ तो गोलमोल जवाब देने लगा. वहीं पैसे वापस मांनगे पर मना कर दिया. तब रीना ने सिविल लाइन थाने में शिकायत की. वहीं पुलिस ने इस मामले में आरोपी संजीव मिश्रा के खिलाफ धारा 420 यानी धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया.


पतासाजी कर किया गिरफ्तार

सिविल लाइन पुलिस के मुताबिक पहले जांच की तो पता चला कि आरोपी संजीव पुलिस विभाग में आरक्षक है और पुलिस मुख्यालय के सीआईडी शाखा में संबद्ध है. वहीं वर्तमान में निलंबित व गैरहाजिर है. इसके बाद पतासाजी कर उसे गिरफ्तार किया गया है.


यहां भी दर्ज है अपराध

पुलिस ने विज्ञप्ति कर जो जानकारी दी है उसके मुताबिक निलंबित आरक्षक संजीव मिश्रा के खिलाफ चार अन्य जिलों में भी धोखाधड़ी समेत पुलिस द्रोह व अन्य मामलों में अपराध दर्ज है. इसके तहत रायपुर के टिकरापारा थाने में धारा 109, 505(1), 120(बी) व पुलिस द्रोह उद्दीपन अधिनियम की धारा 03, जिला नारायणपुर के थाना कोतवाली में धारा 120(बी), 505(1)(बी) और जिला बीजापुर के थाना कोतवाली में अपराध दर्ज है.


ऐसे खुली पोल 

सीबीआई अफसर होने की रोब दिखाता हुए चुनाव में प्रत्याशी उतराने की बात भी लेनदरो  को कहता था। भानुप्रतापपुर उप चुनाव में प्रत्याशी उतराने की बात जब एक लेनदार को हुई तो उसने IMNB को बताया जिसके बाद इस कथित सीबीआई अफसर की शिकायत उच्वाधिकारियो तक पहुंची।बीते 23 मार्च को वे अपनी मांगों के समर्थन में पुलिस किट की पेटी सिर पर उठाए पैदल ही पीएचक्यू रायपुर जा रहे थे जहां वे अपना इस्तीफा सौंपते. लेकिन, भिलाई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. वहीं बाद में निलंबित कर दुर्ग मुख्यालय में अटैच किया गया था.इन्ही खबरों से उसकी पुष्टि हुई की वो सीबीआई का अफसर नही छत्तीसगढ़ पुलिस का सिपाही है। मंतलाय के एक बड़े अफसर का नाम भी उछाला गया था। जिसेसे इस कथित सीबीआई अफसर का करीबी संबंध है। संजीव मिश्रा इस ठगी में अकेला है कि उसका कोई बडा रैकेट है इसकी जांच की जा रही है। जनकारो की माने तो देर सबेर लोग और भी सामने आ सकते है लेनदारी के लिए बहरहाल पुलिस इसकी जांच कर रही है।