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अमेरिका और रूस! दो सुपरपावर्स देशों की जंग का नया मोर्चा बनने जा रहा नाइजर

फ्रीका का देश नाइजर सुपरपावर्स की जंग का अखाड़ा बनता जा रहा है. तख्तापलट करने वाले जनरल अब्दुर्रहमान के खिलाफ अमेरिका खड़ा हो गया है. उसकी अगुवाई में फ्रांस सहित अफ्रीका के कई देश अब्दुर्हमान सरकार पर हमले की तैयारी में हैं.

राष्ट्रपति पुतिन जनरल अब्दुर्हमान के समर्थन में खड़े हो गए हैं. रूस ने वैगनर ग्रुप के जरिए नाइजर में प्रभाव जमाना शुरू कर दिया है. अगर अब्दुर्हमान सरकार पर हमला होता है तो नाइजर में अमेरिका बनाम रूस की जंग छिड़ सकती है.

26 जुलाई को नाइजर की राजधानी नियामे में विद्रोह हुआ और राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को जेल में डाल दिया गया और नए राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुर्रहमान चियानी बने. अब्दुर्रहमान के खिलाफ अमेरिका की अगुआई में अफ्रीका के कई देश खड़े हो गए, तो पक्ष में रूस और अफ्रीका कई देश साथ आ गए. नाइजर के कमांडर अब्दुर्हमान चियानी के साथ रूस, माली, बुर्किना फासो, सेनेगल और अल्जीरिया खड़े हो गए हैं तो दूसरे खेमे में अब्दुर्हमान चियानी के खिलाफ अमेरिका, फ्रांस, नाइजीरिया, लाइबेरिया और कई पश्चिमी अफ्रीकी देश खड़े हैं.

नई सरकार के साथ वैगनर का करार

नाइजर की नई सरकार के साथ वैगनर का करार हो चुका है. अब अब्दुर्हमान की सरकार गिराने के लिए वैगनर का बहाना बनाया गया है. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि वैगनर ग्रुप नाइजर में अस्थितरता का फायदा उठा रहा है. वैगनर के बहाने से अमेरिका ने नाइजर सरकार का तख्तापलट करने वाले अब्दुर्रहमान सरकार पर हमले की तैयारी शुरू कर दी है.

नाइजर पर US का हमला?

15 अफ्रीकी देशों के संगठन ECOWAS यानी इकॉनोमिक कम्यूनिटी ऑफ वेस्टर्न अफ्रीकन स्टेट्स ने अब्दुर्रहमान को 7 दिन का अल्टीमेटन दिया है. ECOWAS ने कहा है कि मोहम्मद बैजोम को 7 दिन के अंदर रिहा किया जाए. अगर ऐसा नहीं होता तो नाइजर पर हमला कर दिया जाएगा. नाइजीरिया में अब्दुर्रहमान सरकार पर हमला करने वाली फोर्स जमा हो रही है. ECOWAS की इस फोर्स में 25000 हजार जवान हैं. फोर्स में सबसे ज्यादा जवान नाइजीरिया के हैं.

नई सरकार को नाइजर की जनता का समर्थन

खास बात ये है कि नाइजर की जनता भी नई सरकार के समर्थन में है, लेकिन अमेरिका रूस समर्थक अब्दुर्रहमान को सत्ता से हटाना चाहता है. नाइजर जनता की स्वीकृति के बाद भी ECOWAS नई सरकार पर हमला करना चाहता है. युद्ध की तैयारी हो चुकी है, दो अफ्रीकन देशों में सशस्त्र बल तैयार हैं.

रूस ने किया मुफ्त हथियार देने का ऐलान

पुतिन पहले ही नाइजर को मुफ्त हथियार देने का ऐलान कर चुके हैं. अगर नाइजर पर हमला हुआ तो रूस अमेरिका की जंग का नया मोर्चा अफ्रीका में खुल जाएगा. इस जंग की वजह यूरेनियम है. दरअसल, नाइजर दुनिया का 7वां बड़ा यूरेनियम भंडार वाला देश है. यूरोप के न्यूक्लियर पावर प्लांट्स को नाइजर से 70 प्रतिशत यूरेनियम की सप्लाई होती है. यही वजह है कि सुपरपावर इस देश के लिए आपस में भिड़ रहे हैं.