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अलग अंदाज में दिखे गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू , बैलगाड़ी पर सवार होकर माटी तिहार मनाने पहुंचे, कहा जैविक खाद से लौटाएंगे धरती की उर्वरा

छत्तीसगढ़ महतारी, हमारी माटी, जिसे हम माता भुईयां कहते हैं, उसकी रक्षा करेंगे। हम अपने खेत, घरों, और बगीचों में जैविक खाद का उपयोग करेंगे। हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे मिट्टी, जल और पर्यावरण की सेहत खराब हो। हम भूमि में रासायनिक और हानिकारक केमिकल का प्रयोग नहीं करेंगे। उक्त बातें गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कही। माटी तिहार मनाने गृहमंत्री बैलगाड़ी में सवार होकर पहंचे थे। बैलों को भी सुंदर सजाया गया था।


छत्तीसगढ़ में अक्ती तिहार यानी अक्षय तृतीया माटीपूजन दिवस के रूप में मनाया गया। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का दुर्ग में अलग अंदाज देखने को मिला। दुर्ग के पुरई में हुए जिला स्तरीय कार्यक्रम में गृहमंत्री माटी दिवस मनाने बैलगाड़ी से पहुंचे थे। गृहमंत्री ने पूजा-अर्चना कर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने व धरती माता की रक्षा की शपथ दिलाई।

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि भूपेश सरकार नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजनाओं के साथ प्रदेश की संस्कृति को सहेजने का काम कर रही है। श्रमिक दिवस पर बोरे बासी खाकर श्रमिकों का सम्मान किया गया। उन्होंने कहा कि अक्ती का दिन किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। किसानों को रासायनिक खाद से होने वाले भूमि के नुकसान को लेकर जागरूक करने और जैविक कृषि को बढ़ावा देने आज माटी तिहार मनाया जा रहा है।


गृह मंत्री ने अपने बचपन की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि अक्षय तृतीया के दिन सभी अपने अपने घर से धान लेकर एक जगह इकट्ठा हुआ करते थे। वहां गांव के बैगा द्वारा पूजा की जाती थी। पूजा होने के बाद वे अपने धान को लेकर अपने खेतों में जाकर बोआई कर देते थे। धान के कुछ बीज को अपने तुलसी चौरा में भी लगाया करते थे। आज ही के दिन से किसानों की बोआई का कार्य शुरू हो जाता था।