बैलों से खेत की जुताई करने मजबूर है किसान, डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दाम ने बिगाड़ा बजट
सूरजपुर। डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दाम को लेकर जहां एक ओर आम जनता परेशान हैं, तो वहीं किसानों की स्थिति और बदहाल हो गई है। डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से किसान फिर से पारंपरिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं। जहां किसान ट्रैक्टर से अधिक से अधिक खेत की जुताई किया करते थे, वहीं अब किसान पारंपरिक तरीके से बैलों से खेती कर रहे हैं। इसकी वजह से एक ओर उनका समय ज्यादा लग रहा है, वहीं दूसरी ओर मेहनत भी कई गुना बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि डीजल महंगा होने की वजह से किराया बहुत बढ़ गया है, जो उनका बजट बिगाड़ रहा है। उनकी मजबूरी है कि वह बैलों से खेत की जुताई करें।
डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से अब किसान पूरी तरह से मौसम पर आश्रित हो गए हैं। सिंचाई के लिए वे डीजल खरीदने की स्थिति में नहीं है। यही वजह है कि अब वह खेती के लिए पूरी तरह से मौसम आश्रित है। यदि बारिश कम होती है तो निश्चित ही इस बार फसल खराब होने की भी संभावना है। बता दें कि सूरजपुर कृषि प्रधान जिला है और यहां ज्यादातर लोग किसानी पर ही निर्भर हैं। ऐसे में डीजल की बढ़ी हुई कीमत किसानों के लिए बड़ी समस्या है। साथ ही कम वर्षा भी इनके लिए मुसीबत बनी हुई है। यदि इस वर्ष बारिश कम होती है तो निश्चित ही इन किसानों की हालत और बदतर हो जाएगी। सरकार को इन किसानों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए ताकि यह किसान खेती-किसानी से अपने परिवार का पेट पाल सकें।