आबकारी विभाग ने 400 लीटर महुआ शराब के साथ 2600 किलो महुआ लाहान किया जब्त
सावधान: मोबाइल पर देखते हैं ये कॉन्टेंट तो हो जाए अलर्ट, एक झटके में खत्म हो सकता है सब कुछ
नई दिल्ली। देश की तमाम टेलीकॉम कंपनियों ने भी सरकार के आदेश के बाद से अपने नेटवर्क पर पॉर्न, चाइल्ड पॉर्न आदि को बैन कर दिया है। आमतौर पर फोन पर पॉर्न देखने वालों को लगता है कि वे प्राइवेट मोड में देख रहे हैं तो किसी को खबर नहीं है, लेकिन सच्चाई इसके विपरित है। सच्चाई यह है कि भले ही आपको किसी अन्य कंटेंट के देखने को दौरान ट्रैक ना किया जाए लेकिन जब आप पॉर्न देखते हैं तो उसी वक्त आप पर हजारों एआई बॉट की नजर रहती है। आइए समझते हैं कि आपकी ट्रैकिंग किस तरह होती है और इस ट्रैकिंग के नुकसान क्या-क्या हैं?
पहली बात तो यही है कि जब भी आप इस तरह के कंटेंट देखते हैं तो इसकी जानकारी सबसे पहले आपके मोबाइल सर्विस ऑपरेटर को मिलती है और आपके फोन में पड़े एप्स, उस दौरान आप पर किसी खुफिया एजेंसी की तरह नजर रखते हैं, मतलब आपकी पूरी ब्राउजिंग हिस्ट्री को ट्रैक किया जाता है।
पेड सर्विस वालों पर पहली नजर
जो लोग पॉर्न देखने के लिए पैसे देने के लिए राजी है जाते हैं वे सबसे पहले निशाने पर होते हैं। ऐसे लोगों से उनके बैंक अकाउंट की डिटेल उसी समय ले जाती है, जब वे पेमेंट कर रहे होते हैं। आपके क्रेडिट और डेबिट कार्ड का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है।
आपके फोन में डाला जा सकता है मैलवेयर
यदि आप पॉर्न साइट पर विजिट करते हैं या फिर फाइल डाउनलोड करते हैं तो आपके फोन में मैलवेयर के डाले जाने का पूरा खतरा है। इसी मैलवेयर के जरिए बाद में आपकी जासूसी भी की जा सकती है और आपके निजी फोटो को भी सार्वजनिक करने की धमकी देकर आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार के कानून के मुताबिक देश में पॉर्न बनाना, इसे किसी साइट पर अपलोड करना या किसी भी अन्य माध्यम से शेयर करना गैरकानूनी है। चाइल्ड पॉर्नोग्राफी पर पूरी तरह से बैन और इसके लिए सख्त कानून भी हैं।