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समाज को वही जोड़ सकता है जिसमें नम्रता का भाव हो : सुब्बा राव सावरकर


रायपुर। सामाजिक समरसता धनगर समाज का लक्ष्य है, सभी समाज के लोगों को आदर देना और प्रेम भाव का व्यवहार हमारे बड़े बुजुर्गों ने सिखाया है इसलिए अन्य समाज के साथ मितान, गंगाजल, गंगाबारु की परंपरा कायम रही है और लोग पीढ़ी दर पीढ़ी इसे निभाते आ रहे हैं।धनगर समाज का आशय जोड़ना है और समाज को वही व्यक्ति जोड़ सकता है जिसमें नम्रता का भाव हो।


धनगर समाज के अध्यक्ष सुब्बा राव ने कहा कि- जोश में होश नहीं खोने की सलाह देते हुए कहा कि ऊर्जा को सामाजिक समरसता की ओर ले जाएं और घमंड से दूर रहें।


इसी तरह स्वजातीय जनों को भी समाज के पदाधिकारियों को सहयोग और सम्मान करना चाहिए। समाज से बड़ा कोई नहीं है। कोई कितने भी बड़े पद पर पहुंच जाए, उसे अपने सामाजिक पदाधिकारियों का सम्मान और सहयोग करना चाहिए तभी समाज चल सकता है। उन्होंने सामाजिक बुराइयों, कुरीतियों और रूढ़ीवादी परंपराओं से दूर रहने की नसीहत दी।