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भरतपुर में फैला वायरस, पहाड़ी के 10 गांवों में 103 मवेशी बीमार, 2 गायों की मौत, किसान परेशान


भरतपुर। पश्चिमी राजस्थान के बाद भरतपुर जिले के मेवात में भी लम्पी वायरस ने दस्तक दे दी है। पहाड़ी अनुमंडल के 10 गांवों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। जिससे अब तक 103 जानवर बीमार हो चुके हैं। जब दो गायों की मौत हो गई। पशुपालन विभाग की टीमें लगातार बचाव व उपचार में लगी हुई हैं। जबकि किसानों के स्तर पर लापरवाही सामने आ रही है। जानवरों के घर में अच्छा चारा खिलाने के बजाय, वे जानवरों को चराने के लिए जंगल में ले जा रहे हैं। वायरस अधिक फैल रहा है। इस बीच मेवात में मवेशी हाट पर रोक लगा दी गई है। जिससे मवेशियों का कारोबार ठप हो गया है। भास्कर के संवाददाता ने शुक्रवार को पाथराली, कैथवाड़ा, धिमरी, जोतगामेती, सहसन, कठोल, पीपलखेड़ा, मटुकी, गोपालगढ़, खेदलनाबाद, खल्लूका के लम्पी वायरस प्रभावित गांवों का दौरा किया और ग्राउंड जीरो स्थिति देखी। कुछ जानकार किसानों ने बीमार जानवरों को स्वस्थ लोगों से अलग कर दिया है। लेकिन ज्यादातर किसानों ने बीमार जानवरों को दूसरे जानवरों के साथ भी बांध रखा है। जिससे यह वायरस तेजी से फैल रहा है। इस बीमारी का सबसे ज्यादा प्रकोप पाथराली गांव में है। इधर 2-3 दिन में बीमार मवेशियों की संख्या 30 से बढ़कर 40 हो गई है। जबकि 2 गायों की मौत हो गई है। यह गाय खल्लूका निवासी शारदा की पत्नी असरा और पथराली निवासी कुंदन पुत्र बसीर की थी। इन गायों को ग्राम विकास अधिकारी की मदद से सुरक्षित दफना दिया गया।


पहाड़ी पशु चिकित्सा अधिकारी केके पालीवाल ने बताया कि 10 गायें बरामद की गई हैं। पाथराली गांव में शुक्रवार को गांठदार वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया। अन्य गांवों में भी वायरस के प्रसार पर नजर रखी जा रही है। किसानों को जागरूक किया जा रहा है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मवेशियों को चराने के लिए जंगल में न ले जाएं पशु चिकित्सकों ने किसानों को इन दिनों गाय, भैंस आदि को चराने के लिए जंगल में नहीं ले जाने की सलाह दी है। क्योंकि जानवर जो चारा खा रहे हैं, वह दूषित है या नहीं, इसका कोई पता नहीं है। जंगल से जानवरों में जूँ, कीड़े, कीड़े जैसे कीड़े पकड़े जाते हैं। वे जानवरों का खून चूसते हैं और यह उन्हें बीमार कर देता है।