Breaking News :

छत्तीसगढ़ के रास्ते से हो रही गांजे की तस्करी,पढ़े पूरी खबरे



रायपुर/ इंदौर। ओडि़शा-आंध्रप्रदेश से छत्तीसगढ़ होकर देशभर में गांजे की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। कई राज्यों में नारकोटिक्स सेल लगातार तस्करों की धरपकड़ कर गांजे की बड़ी-बड़ी खेप बरामद कर रही है, बावजूद इसकी तस्करी पर अंकुश नहीं लग रहा है। आंध्र-ओडि़शा से छत्तीसगढ़ का बड़ा सीमाई इलाका जुड़ा हुआ है ऐसे में तस्कर राज्य के सड़क व टे्रन रुट का इस्तेमाल गांजा तस्करी के लिए करते हैं। यहीं से होकर गांजे की बड़ी-बड़ी खेप मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड बिहार, उत्तरप्रदेश सहित तमाम उत्तर पश्चिम के राज्यों में पहुंचती है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने गांजा तस्करी रोकने प्राय: सभी जिलों में नारकोटिक्स सेल गठित किया है। सेल गठित होने के बाद तस्करों की धरपकड़ बढ़ी है लेकिन खुफिया तंत्र की नाकामी के चलते पुलिस दस में से महज एक-दो मामले ही पकड़ पाती है। बाकी मामलों में तस्कर अपने ठिकाने तक गांजा पहुंचाने में कामयाब हो रहे हैं। यही कारण है कि गांजे की बड़ी-बड़ी खेप छत्तीसगढ़ के रास्ते दूसरे राज्यों में पहुंच रही है। इंदौर में डीआरआई की कार्रवाई इधर इंदौर डायरेक्टोरेट आफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने गांजे की बड़ी खेप पकड़ी। मंगलवार-बुधवार दरमियानी रात को डीआरआई की इंदौर जोनल यूनिट ने कार्रवाई को अंजाम दिया। इंदौर के पास नेमावर रोड पर एक ट्रक से 424 किलो गांजा पकड़ा। ट्रक छत्तीसगढ़ की ओर से आ रहा था। गोपनीय सूचना के आधार पर डीआरआइ ने कार्रवाई को अंजाम दिया। गोपनीय सूचना के बाद डीआरआइ इंदौर से सटे अंतरराज्यीय मार्गों पर करीब 12 घंटे से निगरानी कर रहा था। इसके बाद छत्तीसगढ़ से आ रहे बंगाल की नंबर प्लेट लगे एक ट्रक को रोका गया। ट्रक में ऊपर सामान्य माल भरा हुआ था।डीआरआइ के अधिकारियों ने बारिकी से जांच की तो ट्रक की सतह और केबिन के पास खास चेंबर बना पाया गया। इसमें छोटी-छोटी प्लास्टिग के बैग में भरकर गांजा छिपाया गया था। डीआरआइ के अनुसार गांजे का कुल वजन 424 किलो है। इसे लाखों रुपये में देश के विभिन्न शहरों में बेचा जाता। डीआरआई ने मौके पर ही ट्रक और गांजा जब्त करने के साथ इसके ड्राइवर और क्लीनर को एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों आरोपियों की पहचान डीआरआइ ने गुप्त रखी है। पूछताछ के बाद आरोपियों को विशेष एनडीपीएस कोर्ट में पेश किया गया।11 अक्टूबर तक आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया। सूत्रों के अनुसार गांजे की खेप तस्करी कर महाराष्ट्र की ओर ले जाई जा रही थी। इससे पहले छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों द्वारा गांजे की खेती करने की जानकारी भी डीआरआई को मिली थी। डीआरआई आगे की जांच कर तस्करों के नेटवर्क तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। इस साल अब तक डीआरआइ इंदौर अलग-अलग आपरेशनों में कुल 1600 किलो गांजा पकड़ चुका है।दुर्ग में इंदौर एनसीबी ने पकड़ा था 300 किलो गांजा


अभी हाल में ही इंदौर की नारकोटिक्स ब्यूरो ने कुम्हारी टोल नाका पर 300 किलो गांजा जब्त कर दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। इंदौर की एनसीबी जोनल आफिस की टीम को एक बड़ा इनपुट मिला था कि छत्तीसगढ़ के रास्ते ओडिशा से नागपुर की तरफ गांजे की बड़ी खेप ले जाई जा रही है। जिसपर एनसीबी की टीम ने कुम्हारी थाना पुलिस की मदद से सुबह से ही कुम्हारी टोलनाके पर नाकेबंदी कर रखी थी और मिले हुए इनपुट की वाहनों पर नजर रखे हुए थे। जिसके बाद देर रात ओडिशा से आ रही दो बोलेरो को रोका गया और थाने लाकर तलाशी ली गई।


टीम के उस वक्त होश उड़ गए जब बोलेरो में छत कटवाकर बनवाये स्पेशल बाक्स में गांजे की बड़ी खेप जब्त किया। आरोपियों ने तस्करी के लिए गांजे की स्पेशल पैकिंग कर वाहनों में बहुत ही तरकीब से रखा था। पुलिस ने दोनों बोलेरो में सवार पम्पा पुष्पा राव और कोडिरिया बाबूराव को गिरफ्तार किया है। बोलेरो लेकर जा रहे दोनों तस्कर विशाखापट्टनम के रहने वाले हैं और ओडिशा के मलकानगिरी से नागपुर तक लेकर वहां दूसरे तस्करों के हवाले कराना था जिसके लिये उनको 50 हजार रूपये मिलने थे। एनसीबी की टीम ने इन दोनों बोलेरो से करीब 300 किलो से ज्यादा का गांजा जब्त किया है जिसकी कीमत 6 लाख रूपयो से ज्यादा बताई जा रही है। एनसीबी की टीम तस्करी गैंग पर पिछले एक महीने से नजर रखे हुए थे जिसके बाद कुम्हारी पुलिस के साथ मिलकर ये बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था।