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गुरुग्राम में ‘फर्जी’ अस्पताल का भंडाफोड़
गुरुग्राम, 23 फरवरी (भाषा) मुख्यमंत्री के उड़न दस्ते और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त दल ने गुरुग्राम के बिलासपुर इलाके में एक कथित फर्जी अस्पताल का भंड़ाफोड़ किया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री उड़न दस्ते के पुलिस उपाधीक्षक इंद्रजीत यादव ने बताया कि बिना लाइसेंस के अस्पताल चलाने की पूर्व सूचना के आधार पर छापेमारी की गई। पुलिस ने बघांकी ग्राम निवासी अस्पताल के संचालक बिट्टू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंचगांव-तावडू मार्ग स्थित फाजिलवास गांव के बाजार में श्री बालाजी अस्पताल एवं आई केयर अवैध रूप से चल रहा था। दस्ते ने अस्पताल के संचालक समेत 10 लोगों को हिरासत में लेकर उन्हें पुलिस कौ सौंप दिया। उन्होंने बताया कि बिलासपुर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई और उसके बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया और अन्य से पूछताछ जारी है।
यादव ने कहा कि अस्पताल में 14-15 बिस्तर थे। उन्होंने कहा कि इसमें आपातकालीन वार्ड, सामान्य वार्ड, निजी वार्ड, आईसीयू, निजी कमरे, ऑपरेशन थियेटर, फार्मेसी और एक आंख जांच कक्ष था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग से कोई वैध लाइसेंस प्राप्त नहीं था। छापेमारी के दौरान संयुक्त दल के साथ दवा नियंत्रक स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भी थी।
यादव ने कहा कि छापेमारी के दौरान सोनू कुमार नाम का एक व्यक्ति चिकित्सक की कुर्सी पर गले में स्टेथोस्कोप के साथ बैठा पाया गया, लेकिन सोनू कोई चिकित्सा संबंधी डिग्री पेश नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सफाई और नर्सिंग स्टाफ सहित 10 अन्य स्टाफ सदस्य भी मिले।
सदस्य ने छापेमारी करने वाली टीम को बताया कि मरीजों का इलाज धर्मेंद्र नाम के चिकित्सक ने किया था। धर्मेंद्र से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों से उनका अस्पताल से कोई लेनादेना नहीं है और उन्होंने उनके साथ कोई आधिकारिक अनुबंध नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल द्वारा उनके नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है। यादव ने बताया कि अस्पताल के पास कोई स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं था, लेकिन प्रसव कराए जा रहे थे।
आरोपी के खिलाफ बिलासपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 336 (दूसरों की जान खतरे में डालना) और भारतीय चिकित्सा परिषद कानून की धारा 15 (2) बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा कि अस्पताल संचालक बिट्टू यादव, एमबीबीएस चिकित्सक धर्मेंद्र और कथित फर्जी चिकित्सक सोनू को पकड़ा है और अन्य से पूछताछ जारी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गर्भावस्था और हार्मोन इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली कई दवाएं और इंजेक्शन समेत कई अन्य चीजें जब्त की हैं।