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स्वतंत्रता दिवस का इतिहास, महत्व और जरूरी बातें जानें यहां


भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1947 में देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। इस साल 15 अगस्त के दिन देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। 15 अगस्त का दिन देश की आजादी के साथ ही उन वीर सपूतों के बलिदान का भी प्रतीक है, जिन्होंने अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए अपनी जान तक न्योछावर कर दी थी।


इस तरह मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस: 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराकर देशवासियों को संबोधित करते हैं। वैसे तो इस दिन नेशनल हॉलिडे होता है लेकिन स्वतंत्रता दिवस के दिन स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिस आदि में ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। साथ ही तरह-तरह के रंगारंग कार्यक्रमों भी होते हैं, जिनमें बच्चे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस दिन स्कूलों में बच्चों को लड्डू बांटे जाते हैं।


15 अगस्त का इतिहास: व्यापारी के तौर पर भारत में आए अंग्रेजों ने 200 वर्षों से अधिक समय तक देश पर राज किया। हालांकि 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ उठे विद्रोह के बाद लोगों में आजादी की ललक जागी। देश को स्वतंत्र कराने के लिए शुरुआत में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और नानाराव समेत कई राजा-महाराजाओं ने अपनी जान न्योछावर की।


बाद में महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, सरदार वल्लभभाई पटेल, खुदीराम बोस, लाला लाजपत समेत हजारों सेनानियों ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाकर आखिरकार अंग्रेजों को भारत से खदेड़ दिया। स्वतंत्रता सेनानियों के विद्रोह और आंदोलन से हारकर अंग्रेजों ने भारत मुक्त कर दिया। 15 अगस्त 1947 की आधी रात भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली। तभी से इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।


स्वतंत्रता दिवस का महत्व: स्वतंत्रता दिवस के दिन उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाता है, जिन्होंने आजादी के लिए देश के प्रति अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। यह दिन देश के वीर सपूतों के प्रति हमारे सम्मान को प्रदर्शित करने, राष्ट्र के प्रति एकजुटता और निष्ठा दिखाने का दिन है। इसके साथ ही 15 अगस्त का दिन युवा पीढ़ी को आजादी का महत्व और देश के प्रति अपना कर्तव्य समझाने का भी दिन है।