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जानें कब तक मिल सकती है मंकीपॉक्स की वैक्सीन, जांच किट के लिए 29 कंपनियां हुई शॉर्टलिस्ट

Monkey pox Vaccine: मंकीपॉक्स की वैक्सीन मिलने को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी-पुणे) के सहयोग से मंकीपॉक्स वैक्सीन और डायग्नोस्टिक किट विकसित करने के लिए 29 फार्मा कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया है। 


अभी तक क्या सफलता मिली है?

इससे पहले जून में आईसीएमआर के शोधकर्ताओं ने मंकीपॉक्स वायरस स्ट्रेन को अलग किया था। उसके बाद मंकीपॉक्स के लिए वैक्सीन और किट विकसित करने में मदद करने के लिए दवा कंपनियों और इन-विट्रो डायग्नोस्टिक किट निर्माताओं से आवेदन मांगे। 


कौन सी कंपनियां आगे आई हैं?

एक सरकारी अधिकारी के अनुसार,आईसीएमआर को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, बायोलॉजिकल ई, हाफकाइन इंस्टीट्यूट, मुंबई और इंडियन इम्यूनोलॉजिकल इंस्टीट्यूट से आवेदन मिले हैं। आईसीएमआर के एक वैज्ञानिक के अनुसार फार्मा कंपनियों से 31 आवेदन प्राप्त हुए थे, पिछली बैठक में इनमें से 29 आवेदनों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। आईसीएमआर को 8 फार्मा कंपनियों ने मंकीपॉक्स का टीका विकसित करने के लिए आवेदन भेजे हैं, जबकि 23 कंपनियों ने टेस्टिंग किट बनाने में दिलचस्पी दिखाई है। 


वैक्सीन व किट बनने में कितना समय लगेगा?

29 कंपनियों को शॉर्टलिस्ट करने का मतलब यह नहीं है कि वे सभी परियोजना का हिस्सा होंगे। उनके दस्तावेज़ों का सत्यापन किया जाएगा और उनके अनुभव का मूल्यांकन आईसीएमआर के उनके साथ सहयोग करने से पहले किया जाएगा। मूल्यांकन करने में समय लगेगा, फिर कंपनी के साथ औपचारिक समझौता किया जाएगा। 


देश व दुनिया में मंकीपॉक्स की स्थिति क्या है-

अब तक, भारत में मंकीपॉक्स के 10 मामले सामने आए हैं। केरल और दिल्ली में पांच-पांच मामले हैं। अमेरिकी सरकार के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने कहा कि वैश्विक स्तर पर 19,000 से अधिक मामले मंकीपॉक्स के सामने आए हैं। फिलहाल चेचक के टीके का उपयोग वर्तमान में मंकीपॉक्स के रोगियों पर किया जा रहा है।