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कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी गांधी परिवार पर हमला बोला ,अब वो समय नहीं रहा कि इसमें केवल गांधी परिवार की भूमिका है. अब हमारे पास कोई बड़ा लीडर नहीं बचा

पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई तो लगा पहली बार कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है. मगर ऐसा नहीं हुआ. सोनिया गांधी ने कहा ज़रूर कि अगर कार्यसमिति गांधी परिवार को जिम्मेदार मानती है तो वो हटने को तैयार हैं. मगर कार्यसमिति के सदस्यों ने एक बार सोनिया गांधी के हीं नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए उन्हें संगठन चुनाव तक अध्यक्ष बने रहने को कहा दिया.

कांग्रेस कार्यसमिति में सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा जताए जाने के बाद अब पार्टी के G23 गुट ने गांधी परिवार के नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एक तरफ जहां वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने किसी गैर गांधी को नेतृत्व दिए जाने की बात कही, वहीं मीडिया से Exclusive बातचीत में G23 के दूसरे सदस्य संदीप दीक्षित ने भी गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला.

लेकिन बात अब यहां खत्म नहीं हुई और आखिरकार G23 ने गांधी परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल ही दिया. पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने एक अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में खुलकर कह दिया कि गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ कर अब किसी और को कमान दे देनी चाहिए. सिब्बल ने कहा है कि कम से कम अब नेतृत्व को सच्चाई समझनी होगी वरना इसके और गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. हालांकि सिब्बल ने ये भी स्पष्ट किया कि वो कभी बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. मीडिया को कुछ समय पहले दिए इंटरव्यू  में कपिल सिब्बल ने कहा था कि "पार्टी मुझे कल को निकाल भी दे तो भी वो कभी बीजेपी में नहीं जाएंगे, मैं राजनीति में किसी पद के लिए नहीं आया था, मेरी वकालत अच्छी चल रही है"

"अब हमारे पास कोई बड़ा लीडर नहीं बचा"

सिब्बल हीं नहीं, मीडिया से बातचीत में G23 के सदस्य संदीप दीक्षित ने भी गांधी परिवार पर हमला बोल दिया. संदीप दीक्षित ने सिब्बल से सहमति जताई और कहा कि दो तरह का नेतृत्व पार्टी को चलाता है, एक नेतृत्व और एक संगठन के चेहरे. अब वो समय नहीं रहा कि इसमें केवल गांधी परिवार की भूमिका है. अब हमारे पास कोई बड़ा लीडर नहीं बचा है. समय की मांग को अगर हमारा नेतृत्व नहीं समझेगा तो चमचो में तो नहीं पर बाकी लोगों में तो सवाल उठेगा. गांधी परिवार समेत 90 फीसदी प्रभारियों को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए. वर्किंग कमेटी जो कहे, उनका कोई महत्व नहीं, वर्किंग कमेटी तो यस मेन का ग्रुप बनकर रह गया है. पंजाब में भी जो प्रभारी यहां से गए थे उन्होंने सब बरबाद कर दिया.