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इस राज्य में डेंगू के 5000 केस मिले लेकिन 4014 ही दर्ज, चिकनगुनिया के 200 मरीज मिले, सरकारी आंकड़ों में सिर्फ 144



चिकित्सा विभाग अभी भी आंकड़ों की बाजीगरी कर रहा है। जयपुर, अलवर, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, उदयपुर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर में अब तक चिकनगुनिया के 200 से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन विभाग इस साल के सिर्फ 144 आंकड़े ही दिखा रहा है। हैरानी की बात यह है कि 5 मौतों के बावजूद आंकड़ों में एक भी मौत दर्ज नहीं की गई।


 इधर कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ लगातार कम होता जा रहा है. अगस्त की तुलना में जयपुर में सितंबर में केवल 16 प्रतिशत मामले लंबित हैं। चिकनगुनिया एडीज मच्छर से फैलता है। बीमारी के 2 से 12 दिन बाद इसका पता चलता है। यह रोग पहली बार 1952 में तंजानिया में देखा गया था। बुखार, जोड़ों का दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में सूजन रोग के लक्षण हैं। यह संक्रमित मच्छरों के काटने से दूसरे लोगों में फैलता है। यह बीमारी उन्हीं मच्छरों से फैलती है जो डेंगू वायरस फैलाते हैं। बारिश के बाद मच्छर जनित बीमारियों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और स्क्रब टायफस का खतरा बढ़ जाता है। जानकारों के मुताबिक बारिश के बाद साफ पानी जमा नहीं होने देना चाहिए। एकत्रित पानी में मच्छर के लार्वा पनप सकते हैं।


जिलों से चिकनगुनिया की रिपोर्ट मांगी गई है। तभी कुछ कह पाऊंगा। डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, अपर निदेशक (ग्रामीण स्वास्थ्य) घट रहा है कोरोना का ग्राफ महीना सकारात्मक जनवरी - 67249 फरवरी - 16999 मार्च - 1308 अप्रैल - 492 मई - 1226 जून - 1105 जुलाई - 1615 अगस्त - 4786 सितंबर - 797