वकील से सीजेआई बनने का सफर
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ. दिल्ली के मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड से स्कूली शिक्षा पूरी कर वो 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हुए. फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के ही कैंपस लॉ सेंटर यानी CLC से उन्होंने कानून की डिग्री ली. वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष थे. उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकन कराया और शुरुआत में यहां तीस हजारी परिसर में जिला कोर्ट में और बाद में दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की.
उन्होंने कमर्शियल लॉ, कंपनी लॉ, लैंड लॉ, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में उनका लंबा कार्यकाल रहा. सन 2004 में वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के लिए स्थायी वकील नियुक्त हुए. दिल्ली हाईकोर्ट में वो अतिरिक्त लोक अभियोजक और एमिकस क्यूरी के रूप में कई आपराधिक मामलों में भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई. दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में 2005 में पदोन्नत हुए. 2006 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए. दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहते हुए, उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्र के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद संभाला.