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रांची: देर रात हॉस्टल से क्यों भागीं करीब 60 छात्राएं? थाने में रो-रोकर बताई आपबीती

रांची: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मांडर की करीब 60 छात्राएं शनिवार की शाम को रांची चलो का शोर मचाते हुए गेट से निकल भागीं. एनएच 75 में करीब साठ से अधिक छात्राओं के तीन किलोमीटर की दूरी तय कर शोर मचाते हुए मांडर चौक तक आने के दौरान सड़क पर अफरा तफरी का माहौल हो गया. लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर ये छात्राएं जा कहां रही हैं. बाद में लोगों ने छात्राओं से रोककर उनसे बात की.

छात्राओं ने रो-रोकर बताई आपबीती
छात्राओं के द्वारा डीसी से मिलने के लिए रांची जाने की बात कहे जाने पर लोगों ने उन्हें समझा बुझाकर मांडर थाना परिसर तक पहुंचाया. थाना में आक्रोशित छात्राएं मौके पर रांची के उपायुक्त को बुलाने की मांग कर रहीं थी. इस दौरान ग्रामीणों व पुलिसकर्मियों को छात्राओं ने रो रोकर बताया कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में उनका बुरा हाल है. शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई लिखाई ठीक से नहीं होता है. सुबह का नाश्ता समय पर नहीं मिलता है साथ ही खाना पीना भी मैन्यू के अनुसार नहीं होता है.

शिकायत करने पर मिलती है सजा: छात्राएं
छात्राओं ने बताया कि अधिकांश छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिली है. खेल सामग्री, किताब कॉपी, बैंड ड्रेस, सांस्कृतिक कार्यक्रम का कपड़ा, मच्छरदानी व रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजें नहीं मिलती हैं. किसी भी मामले में शिकायत करने पर उन्हें दंडित किया जाता है. शिकायत करने पर ही बीते दिन 27 जुलाई को दसवीं कक्षा के छात्राओं को चार घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया था. इसलिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मांडर की छात्राएं शनिवार की शाम को अपने विभिन्न समस्याओं व शिकायतों को लेकर डीसी से मिलने रांची चलो का शोर मचाते हुए गेट से निकल पड़ीं.

 मांडर थाना पहुंचे BDO, वार्डन को भी बुलाया
छात्राओं के थाना में मौजूद होने व उनके द्वारा अपनी शिकायतों व समस्याओं के निराकरण के लिए मौके पर डीसी को बुलाने की सूचना मिलने पर मांडर बीडीओ सुलेमान मुंडरी मांडर थाना पहुंचे. उन्होंने छात्राओं से बातचीत की और सिलसिलेवार ढंग से उनकी समस्या और शिकायतें सुनी. बाद में वहां विद्यालय की वार्डन इंदु केरकेट्टा भी पहुंची.

बीडीओ ने छात्राओं को आश्वस्त कराया कि उनकी शिकायत व समस्याओं को उन्होंने लिख लिया है. इसे उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दिया जाएगा और सोमवार को वह टीम के साथ कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय जाएंगे और छात्राओं के समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करेंगे. इसके बाद रात करीब दस बजे सभी छात्राओं को प्रशासन द्वारा विद्यालय पहुंचाया गया.