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जानिए क्यों नहीं रखना चाहिए टूटा शीशा


हर व्यक्ति अपने घर में कांच से बनी चीजों का इस्तेमाल करता है. घर में हम सभी दर्पण का उपयोग भी करते हैं. कई बार किन्ही वजहों के कारण यह कांच की चीजें टूट जाती हैं. बहुत से लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, लेकिन लोग घर में लगे दर्पण का टूटना अशुभ मानते हैं. हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही दर्पण के टूटने को लेकर बहुत सी मान्यताएं प्रचलित हैं. कुछ लोग इन मान्यताओं को सिर्फ अंधविश्वास मान के अनदेखा कर देते हैं. वहीं कुछ लोग इससे जुड़े शुभ-अशुभ संकेतों के विषय में विचार करते हैं. आज के इस आर्टिकल के माध्यम से इंदौर के रहने वाले ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित कृष्ण कांत शर्मा हमे बता रहे हैं शीशा टूटने के पीछे, जो मान्यताएं प्रचलित हैं, उनसे जुड़ी कुछ खास बातें. 


कांच टूटना शुभ या अशुभ वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर कांच की कोई भी वस्तु या शीशा टूटने के बहुत से मायने हो सकते हैं. वास्तु शास्त्र में ऐसा बताया गया है कि कांच के टूटने से घर के सदस्यों पर कोई बड़ा संकट आ सकता है, लेकिन कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि यदि घर में कोई शीशा या कांच टूटता है, तो इसका अर्थ है कि आपके घर पर आने वाला संकट टल गया. क्यों नहीं रखना चाहिए टूटा शीशा कई बार ऐसा देखने में आता है कि कुछ लोग घर में रखे दर्पण को टूटने के बाद भी उसका इस्तेमाल करते हैं, लेकिन घर में टूटा हुआ शीशा या कांच रखना अशुभ माना जाता है. ऐसा मानते हैं कि टूटा हुआ शीशा घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा घर में वास करने लगती है. ऐसे में यदि किसी व्यक्ति के घर में शीशा या कांच टूटता है, तो इसे तुरंत घर से बाहर निकाल देना चाहिए. इन बातों का भी रखें ध्यान -यदि आप बाजार से शीशा खरीदने जा रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि शीशा गोल या अंडाकार ना हो. ऐसा माना जाता है कि इस प्रकार का दर्पण घर में सकारात्मक ऊर्जा को नकारात्मक ऊर्जा में बदल सकता है. -घर में दर्पण लगाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि दर्पण का फ्रेम भड़कीले या चटक रंग का नहीं होना चाहिए. घर में लगाए जाने वाले दर्पण के फ्रेम का रंग हमेशा हल्का ही होना चाहिए.