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Panchak date and time: आज से पंचक शुरू, अगले 5 दिन भूलकर भी ना करें ये काम
आज यानी 2 अगस्त 2023 से पंचक काल की शुरुआत हो चुकी है. हिंदू धर्म में पंचक काल को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. पंचक काल 2 अगस्त से 7 अगस्त तक चलेंगे. दरअसल, पंचक काल का समय किसी भी काम के लिए शुभ नहीं माना जाता है.
पंचक मुहूर्तपंचक हर माह लगते हैं. इस बार पंचक 2 अगस्त 2023 को रात 11 बजकर 26 मिनट 54 सेकंड से शुरू होंगे और सोमवार, 7 अगस्त को रात 1 बजकर 44 मिनट 5 सेकंड पर खत्म हो जाएंगे.
ज्योतिषियों के मुताबिक, 5 नक्षत्र ऐसे हैं जिनके खास संयोग से एक योग बनता है जिसे पंचक कहा जाता है. चंद्रमा गति करते हुए कुंभ और मीन राशि में गोचर करता हैं तो उस समय पंचक लगते हैं. मान्यता है कि पंचक लगने के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए और पंचक का खास ध्यान रखना चाहिए.
हर महीने लगता है पंचक
हर महीने पांच दिन पंचक लगता है. पंचक धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से प्रारंभ होकर रेवती नक्षत्र पर समाप्त होता है. हिंदू धर्म में पंचक लगने पर शव दाह नहीं किया जाता है. अगर शव दाह करना जरूरी है तो आटे का पुतला बनाकर और उसकी विधिवत पूजा के बाद ही ऐसा किया जा सकता. है. पंडितों के अनुसार इस काल में शव को जल में प्रवाहित या फिर भू-समाधि देने की भी परंपरा है.
एक अन्य मान्यता के अनुसार, जब भगवान राम द्वारा रावण की मृत्यु हुई थी उसके बाद से ही पांच दिन का पंचक मनाने की परंपरा है. सनातन धर्म में पंचक काल को बहुत अशुभ समय माना गया है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार इस दिन कुछ विशेष कार्य करने की भी मनाही होती है.पंचक काल में मृत्यु से जुड़ी भी कई तरह की मान्यताएं हैं. माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक काल में हो जाती है तो उसके कुल में पांच अन्य लोगों की भी मृत्यु की आशंका बनी रहती है. इससे बचने के लिए पंचक काल में मृतक व्यक्ति के साथ कुश का पुतला बनाकर उसका भी दाह संस्कार करने का विधान है.
पंचक काल में ये काम ना करें
पंचक काल में सनातन धर्म के अनुयायियों को लकड़ी खरीदने की मनाही होती है. घर बनवाते समय इसकी छत डालना भी पंचक काल में अशुभ माना जाता है. इसके अलावा शैय्या का निर्माण करना और दक्षिण की यात्रा भी इस अवधि में अशुभ मानी गई है.पंचक के बारे में एक मान्यता और है कि जो शुभ काम एक पंचक काल में कर लिया जाता है उसे पांच बार करना होता है. पंचक समाप्त होने के बाद शादी-विवाह, मुंडन, भवन निर्माण या गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य किए जा सकेंगे.गरुड़ पुराण अनुसार पंचक काल में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर दाह-संस्कार संबंधित नक्षत्र के मंत्र से आहुति देना चाहिए. नियमपूर्वक दी गई आहुति से पुण्यफल मिलता है.अगर संभव हो तो इस काल में दाह संस्कार तीर्थस्थल में किया जाना चाहिए. इससे मृतक की आत्मा को शांति मिलती है.
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