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पूर्णता अवधि समाप्त होने के 1 वर्ष बाद भी नहीं हुआ है सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण

भंवरपुर- बड़े साजापाली सड़क निर्माण कार्य पूर्णता तिथि के साल भर बाद भी पूर्ण नहीं हो पाया है। समय पर सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है।  ठेकेदार की मनमानी व अधिकारियों के लापरवाही के चलते भंवरपुर- बड़े साजापाली सड़क मार्ग लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। निर्माण कार्य जिस तरह कछुवा चाल से चल रहा है। उसे नहीं लगता कि सड़क जल्द बन पायेगी। क्षेत्र के करीब दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों को आने जाने में असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। 

बता दें सरायपाली से भंवरपुर से बड़े साजापाली पहुंच मार्ग को दो भागों में विभक्त कर ठेका दिया गया है। सरायपाली भंवरपुर तक 12 किलोमीटर तक का ठेका जगदंबा कंस्ट्रक्शन को दिया गया है जो लगभग बनकर तैयार है। भंवरपुर से बड़े साजापाली तक 16 किलोमीटर का ठेका आदित्य कंस्ट्रक्शन को मिला है। ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन सामग्री का प्रयोग किए जाने से सड़क की मजबूती को लेकर शुरू से ग्रामीण आशंकित हैं। ज्ञातव्य हो कि जांच दल द्वारा जीएसबी 3 कार्य के कुल 4 नमूना लेकर जांच किया गया था जो अमानक पाए जाने पर रिजेक्ट किए जाने की अनुशंसा की गई थी। कई जगह पर मिट्टी कार्य भी लापरवाही बरती गई थी जिसे रिजेक्ट करने का सुझाव दिया गया था। इसी तरह पुलिया निर्माण कार्य को ताक में रखकर किया गया था। ग्रामीणों को यह समझ नहीं आ रहा है कि जिस सड़क की गुणवत्ता को लेकर निरीक्षण दल ने उंगली उठाई थी। वह मार्ग की मजबूती के साथ समझौता क्यों किया जा रहा है। लोग विभागीय अधिकारियों के कार्यशैली पर भी उंगली उठाने लगे हैं।

मार्ग अधूरे होने के कारण वाहनों के गुजरने के पश्चात धूल का गुबार उड़ रहा है, जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि ठेकेदार विभागीय अधिकारी की लापरवाही के चलते सड़क निर्माण का कार्य पूरा नहीं होने पर उनकी शिकायत नई सरकार से की जाएगी। भंवरपुर-बड़े साजापाली सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा बरती जा रही अनियमितता एवं लापरवाही का खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। उक्त मार्ग निर्माण कार्य न तो मानक स्तर पर हो रहा है और न ही प्राक्कलन के अनुरूप किया जा रहा है। जिसका खुलासा 25 जून 2022 को केंद्रीय गुणवत्ता एवं अनुसंधान प्रयोगशाला लोक निर्माण विभाग रायपुर छत्तीसगढ़  द्वारा प्रस्तुत निरीक्षण प्रतिवेदन में हो चुका है। निरीक्षण के दौरान मौके पर कई तरह की खामियां उजागर हुई थी मगर उन खामियों को ठीक करने की बजाय उसमें पर्दा डालने का काम किया गया । लगता है पीडब्ल्यूडी विभाग ठेकेदार पर मेहरबान है। क्षेत्र की जनता को इस बात की आशंका सताने लगी है कि कहीं इस मार्ग की दुर्दशा सागरपाली- भंवरपुर- बसना मार्ग जैसी न हो जाए। भंवरपुर- सागरपाली मार्ग बनने के बाद से ही उखड़ना शुरू हो गया जिसे हर साल मरम्मत की आवश्यकता होती है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अनुविभागीय अधिकारी शिखा पटेल से उनका पक्ष जानने संपर्क किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।