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जानिए घर की किस दिशा में लगाएं अपराजिता का पौधा, मां लक्ष्मी करेगी हमेशा वास


वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में मौजूद हर एक चीज से नकारात्मक या फिर सकारात्मक ऊर्जा निकलती है। यहीं नहीं घर में लगे पेड़-पौधे का असर भी व्यक्ति के स्वास्थ्य, तरक्की में पड़ता है। माना जाता है कि ये पेड़-पौधे जितनी तेजी से बढ़ेंगे उतनी ही तेजी से घर में सुख-समृद्धि के साथ सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ेगा। इसके साथ ही भगवान शिव, विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी का आगमन घर में होगा। इन्हीं पौधों में से एक है अपराजिता का पौधा। अपराजिता के पौधे में कई तरह के फूल होते हैं। लेकिन घर में नीले रंग के फूल वाला अपराजिता का पौधा लगाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सही दिशा में अपराजिता का पौधा लगाने से मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इसके साथ ही भगवान विष्णु, शनिदेव और भगवान शिव को अपराजिता का नीला फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है। घर में अपराजिता का पौधा होने से सुख-शांति, धन लाभ के साथ घर के हर सदस्य को तरक्की मिलती है। जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की किस दिशा और किस दिन अपराजिता का पौधा लगाना है शुभ। किस दिशा में लगाएं अपराजिता का पौधा वास्तु शास्त्र के अनुसार, अपराजिता का पौधा पूर्व, उत्तर या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ होता है।


 उत्तर और पूर्व के साथ ईशान कोण में भगवान गणेश, मां लक्ष्मी के साथ कुबेर भगवान का वास होता है। ऐसे में इस दिशा में अपराजिता का पौधा लगाने के घर में आय की वृद्धि के साथ तरक्की मिलती है। इस दिन लगाएं अपराजिता का पौधा इस पौधे को गुरुवार या फिर शुक्रवार के दिन लगाना शुभ माना जाता है। क्योंकि ये दोनों ही दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का होता है। इस दिशा में न लगाएं अपराजिता का पौधा वास्तु शास्त्र के अनुसार, अपराजिता का पौधा पश्चिम, दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए। इस दिशा में लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा अधिक प्रवेश करने लगती है। घर के मुख्य द्वार में इस जगह लगाएं अपराजिता का पौधा वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार में अपराजिता का पौधा लगाना शुभ माना जाता है। इसलिए मुख्य द्वार के दाएं ओर अपराजिता का पौधा लगा सकते हैं। अपराजिता का पौधा शनि की साढ़े साती से दिला सकता है राहत अगर कुंडली में शनि की साढ़े साती की समस्या से परेशान है और इससे थोड़ी राहत पाना चाहते हैं, तो शनिदेव को अपराजिता का फूल अर्पित करें।