पहले बात करते हैं चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स मुताबिक, चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि मोदी की घरेलू और विदेशी नीतियों में निरंतरता बनी रहेगी, क्योंकि उनसे उम्मीद होगी कि वह देश की इकोनॉमी को बूस्ट करने के अपने प्रयासों पर कायम रहेंगे. विश्लेषकों ने संबंधों को स्थिर विकास की राह पर वापस लाने और मतभेदों को दूर करने के लिए खुले संचार को बनाए रखने के लिए चीन के साथ सहयोग करने के महत्व पर जोर दिया.
पाकिस्तान को सता रहा डर
भारत में लोकसभा चुनाव-2024 की 19 अप्रैल को शुरुआत हुई थी, जो 1 जून को सातवें चरण की वोटिंग के साथ खत्म हुई. अब चुनाव के नतीजों का इंतजार है. चीन के सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के विभाग के कियान फेंग ने कहा, मोदी भारत के लिए निर्धारित घरेलू और विदेश नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे, जिसमें देश को कुछ वर्षों के भीतर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.
विशेषज्ञों ने चीन-भारत संबंधों के बारे में कहा कि मोदी अगर पद पर बने रहे तो चीन और भारत के बीच टकराव की संभावना कम है. फुडन यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के उप निदेशक लिन मिनवांग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया, चीन , ऑस्ट्रेलिया , जापान ,अमेरिकी सहयोगियों सहित कई देशों के बीच संबंध अब बेहतर हो रहे हैं. भारत सवाल कर सकता है कि अब तक चीन-भारत संबंधों में सहजता और सुधार का कोई संकेत क्यों नहीं दिख रहा है. चीन के विश्लेषकों का कहना है कि अगर नरेंद्र मोदी अगले कार्यकाल में चीन के साथ मिलकर काम कर सकते हैं तो इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हो सकता है.
पाकिस्तान को सता रहा डर
एग्जिट पोल की भविष्यवाणी में PM नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी पर पाकिस्तान डर रहा है. पाकिस्तान को डर सताने लगा है कि उसके खिलाफ पीएम मोदी आक्रामक नीति अपनाएंगे.
पाकिस्तान के विदेश सचिव अजाज चौधरी ने कहा कि ट्रैक रिकॉर्ड से पता चलता है कि मोदी चुनावी घोषणापत्र को लागू करते हैं. इसलिए, इस बार वह भारत को एक हिंदू राज्य बनाने का प्रयास करेंगे और पाकिस्तान के प्रति आक्रामक नीति अपनाएंगे.