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रणजी ट्रॉफी के फाइनल में रजत पाटीदार ने जड़ा शतक, मध्य प्रदेश बड़े स्कोर की ओर अग्रसर

रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला मध्य प्रदेश और मुंबई के बीच बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में जारी है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक मध्य प्रदेश ने मुंबई के 374 रनों के सामने तीन विकेट के नुकसान पर 368 रन बना लिए हैं। यश दुबे और शुभम शर्मा के शतकों के दम पर एमपी ने मैच पर अपना शिकंजा कस लिया है। चौथे दिन मध्य प्रदेश की नजरें मुंबई पर बढ़त हासिल कर जीत की तरफ कदम बढ़ाने पर होगी। बता दें, नियमों के अनुसार मुकाबला ड्रॉ रहने पर पहली पारी में बढ़त हासिल करने वाली टीम को विजेता घोषित कर दिया जाता है। ऐसे में मध्य प्रदेश के खिताब जीतने के चांस ज्यादा है।



- रजत पाटीदार ने 163 गेंदों पर अपना 8वां फर्स्ट क्लास शतक जड़ा है। फाइनल में मध्य प्रदेश की ओर से यह तीसरा शतक है। पाटीदार से पहले यश दुबे और शुभम शर्मा ऐसा कर चुके हैं। एमपी का स्कोर 450 के करीब है।


- फाइनल मुकाबले के चौथी दिन मुंबई के गेंदबाजों ने जोरदार वापसी की है। पहले ही सेशन में तीन विकेट लेकर मुंबई ने मध्यप्रदेश के रनों की रफ्तार पर लगाम लगाई है। पाटीदार एक छोर पर जमें हुए हैं।


- मध्य प्रदेश ने मुंबई पर पकड़ मजबूत करते हुए 400 रनों का आंकड़ा पार कर लिया है। एमपी ने श्रीवास्तव के रूप में चौथा विकेट खोया। पाटीदार का साथ देने अब अक्षत आए हैं।


- चौथे दिन की शुरुआत में मध्य प्रदेश ने मुंबई पर बढ़त हासिल कर ली है। रजत पाटीदारी शतक के करीब पहुंच गए हैं।


युवा बल्लेबाज यश दुबे और शुभम शर्मा की शतकीय पारियों और दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 222 रन की साझेदारी के दम पर मध्य प्रदेश ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में मुंबई के खिलाफ अपने पहले खिताब की ओर मजबूत कदम बढाये। दुबे ने 236 गेंद में 14 चौकों की मदद से 113 और शुभम ने 215 गेंद में 15 चौके और एक छक्का जड़ 116 रन की पारी खेलकर टीम को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। 


मध्य प्रदेश को पहली पारी में निर्णायक बढ़त लेने के लिए केवल सात रन की जरूरत है और अगर टीम की बल्लेबाजी चौथी पारी में बुरी तरह से लड़खड़ाती नहीं है तो खिताब उनकी झोली में होगा। मध्य प्रदेश की टीम पिछली बार 1998-99 में रणजी फाइनल में पहुंची थी लेकिन तब उसे कर्नाटक से हार का सामना करना पड़ा था। 


स्टंप्स के समय इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले रजत पाटीदार 106 गेंद में 13 चौकों की मदद से 67 और कप्तान आदित्य श्रीवास्तव 33 गेंद में 11 रन बनाकर खेल रहे थे। टीम की कोशिश अब अपनी बढ़त को इतना बढ़ाने पर होगी जहां से मुंबई को वापसी का मौका नहीं मिल सके। चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच से गेंदबाजों को मदद मिलने का संकेत नहीं मिल रहा था। दिन में निकली तेज धूप ने बल्लेबाजों का काम और आसान कर दिया। सबसे बड़ी निराशा मुंबई के बाएं हाथ के स्पिनर शम्स मुलानी (40 ओवर में एक विकेट पर 117) को हुई, जिन्होंने बहुत अधिक ढीली गेंदें फेंकी। अनुभवी धवल कुलकर्णी (21 ओवर में बिना सफलता के 51 रन) और तुषार देशपांडे (24 ओवर में 73 रन पर एक विकेट) ने भी औसत गेंदबाजी की ।