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तीन माह के दुधमुंही बच्ची को सात बार गया बेचा , पिता सहित 11 लोग गिरफ्तार..

आंध्र प्रदेश में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक 3 महीन की मासूम बच्ची को एक बार नहीं बल्की तीन बार बेचा गया. जो भी इस चौंकाने वाली घटना को सुन रहा है, उसे अपनी कानों पर यकीन नहीं हो रहा है कि आखिर यह कैसे हो सकता है?  पुलिस के मुताबिक, गनलैयापेट में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मेदाबलिमी मनोज की तीन बेटियां है. वह हमेशा शराब के नशे में धुत रहता है. जो भी पैसा मिलता उसे शराब पीने में उड़ा देता. ऐसे में उसके सामने अपनी तीनों बेटियों की परवरिश की समस्या पैदा हो गई. लिहाजा उसने ऐसा फैसला किया, जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे.

इलाके के पुलिस उपाधीक्षक मंगलगिरी जे रामबाबू ने मीडिया को घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पैसे की कमी की वजह से मनोज ने अपनी 3 महीने की दूधमुंही बच्ची को बेचने का फैसला किया. उसने तेलंगाना के नलगोंडा जिले की मेघवथ गायत्री नाम की एक महिला को नागलक्ष्मी के जरिए बच्ची को 70,000 रुपये में बेच दी।. इस बात से बेखबर बच्ची की दादी ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. बच्ची का पता लगाने के लिए विशेष पुलिस दल गठित किया गया.


7 बार बेची गई बच्ची

बाद में पुलिस को पता चला कि गायत्री ने बच्ची को नालगोंडा जिले के पल्केड गांव लम्बाडी देवला टांडा की भुकिया नंदू नाम की महिला को 1,20,000 रुपये में बेच दिया. फिर भुकिया नंदू ने हैदराबाद के दिलशुक नगर के एसके नूरजहां को 1,80,000 रुपये में सौंप दिया. नूरजहाँ ने बच्ची को हैदराबाद के नारायणगुड़ा नारायण गुडा के चिक्कडपल्ली की रहने वाली बोम्मदा उम्मादेवी नाम की एक विवाहित महिला को 1,90,000 रुपये में बेच दिया.

बोम्मदा उमादेवी ने बच्ची को विजयवाड़ा बेंज सर्कल के पडाला श्रावणी को 2,00,000 रुपये में बेचा. पडाला श्रावणी ने लड़की को गोलपुडी की गरिकमुक्कू विजयलक्ष्मी को 2,20,000 रुपये में बेच दिया. अंत में, बच्ची को आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के एलुरु के वार्रे रामेह को 2,50,000 रुपये में बेच दिया गया.

पिता समेत 11 लोग गिरफ्तार

डीएसपी रमाबाबू ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बच्चे की बिक्री में शामिल सभी लोग किसी भी संगठित बाल तस्करी रैकेट का हिस्सा नहीं थे. उन्होंने अधिक पैसा कमाने के लिए ऐसा किया. बच्ची के पिता सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 372 और किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत मामला दर्ज किया गया है.