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सिंहदेव ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए डाला वोट,कहा-ठीक से काम नहीं कर पा रहा था, इसलिए दिया इस्तीफा

देश के 16वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सोमवार सुबह 10 बजे से मतदान शुरू हो गया है। इस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी मतदान करने के लिए पहुंचे। उनके साथ विधायक छन्नी साहू और शैलेष पांडेय भी थे। विधानसभा में सिंहदेव को देखते ही विधायक कुलदीप जुनेजा उनके पास गए और फिर मतदान कराया।


मतदान के बाद सिंहदेव ने मीडिया से कहा कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। वह विभाग में सफल नहीं हो पा रहे थे। ठीक से काम भी कर पा रहे थे। इसके चलते खुद को अलग कर लिया। सिंहदेव ने कहा कि वह 20 जुलाई को गुजरात जा रहे हैं। वहां से दिल्ली जाएंगे और पार्टी हाईकमान से मिलेंगे।




इस्तीफे के बाद पहली बार सामने आए सिंहदेव


पंचायत विभाग से इस्तीफे के बाद पहली बार सिंहदेव मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि कई विधायक अनुभवी हैं। उनका कार्यकाल भी लंबा है। अगर उनको लगता है कि इस्तीफा अनुशासनहीनता है तो सभी को स्वतंत्रता है। मैंने अपनी राय उस पत्र के माध्यम से व्यक्त की थी।


सिंहदेव ने कहा कि केंद्रीय पंचायती राज मंत्री छत्तीसगढ़ दौरे पर आए थे। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री आवास और रोजगार गारंटी में यहां बहुत खराब काम हो रहा है। इसका मुझे बुरा लगा। जब काम अच्छा नहीं हो रहा है तो मैं भी विभाग में न रहूं। हो सकता है कि बेहतर काम हो सके। मुझे महसूस हुआ कि उस विभागीय मंत्री के रूप में मैं कारगर नहीं हो पा रहा हूं।


अशोक गहलोत की मीटिंग में होंगे शामिल


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वे गुजरात जा रहे हैं। वहां अशोक गहलोत जी ने अहमदाबाद में 20 जुलाई को मीटिंग रखी है। वहां से फिर दिल्ली जाऊंगा। जब व्यक्ति दिल्ली में होता है तो हाईकमान से मिलने का समय भी मांगता है। वहां मिलता है या नहीं मिलता है, उसके हिसाब से मुलाकातें होती हैं। दिल्ली जाने का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित है।


पहला वोट BJP विधायक अजय चंद्राकर ने डाला


इससे पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा के मतदान केंद्र में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पहला वोट डाला है। व हीं कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पहला वोट दिया। विधायक नारायण चंदेल, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत भी मतदान कर चुके हैं।


इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए आई मतपेटी को विधानसभा के समिति कक्ष-2 में बने मतदान केंद्र में पहुंचाई गई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी. दयानंद की मौजूदगी में निर्वाचन अधिकारियों ने सुबह स्ट्रांग रूम से मतपेटी को पूरी सुरक्षा में निकालकर मतदान केंद्र में पहुंचाया। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायक मोहित केरकेट्टा और विपक्ष के विधायक डॉ. कृष्ण मूर्ति बांधी भी उम्मीदवारों के एजेंट के तौर पर मौजूद रहे।


दोनों विधायकों को पहले मत पेटी को बक्से से निकाल कर खाली होने को पुष्टि के लिए दिखाया गया। इसके बाद निर्वाचन अधिकारियों ने मतपेटी को टैग और फ्लैग लगा कर सील किया। इस से पहले दोनों उपस्थित विधायकों और निर्वाचन अधिकारियों ने मतपेटी के सीलिंग टैग पर हस्ताक्षर भी किए। मतदान की यह प्रक्रिया शाम पांच बजे तक चलेगी।


मतदान के बाद दिल्ली भेजी जाएगी सामग्री


बताया जा रहा है, मतदान के बाद मतपेटी और दूसरे दस्तावेज दिल्ली भेजे जाएंगे। उनकी सुरक्षा के लिए एक दस्ता और निर्वाचन आयोग के अधिकारी साथ रहेंगे। वहां भारत निर्वाचन आयोग के स्ट्रांग रूम में मतपेटी को जमा किया जाएगा। मतों की गिनती 21 जुलाई को दिल्ली में ही होगी।


द्रौपदी मुर्मू के लिए भाजपा ने की है तगड़ी लॉबिंग


एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाई गईं द्रौपदी मुर्मू के लिए भाजपा ने तगड़ी लॉबिंग की है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के 14 विधायक हैं। उसने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के तीन और बहुजन समाज पार्टी के दो विधायकों को भी अपने साथ कर लिया है। ऐसे में उनके ठोस वोट की संख्या 19 हो गई है।


केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और सांसद फूलोदेवी नेताम को व्यक्तिगत तौर पर पत्र लिखकर मुर्मू के लिए समर्थन मांगा। भाजपा जिलाध्यक्षों ने अपने यहां सभी कांग्रेस विधायकों से मुर्मू के लिए वोट मांगा है। वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता भी मुर्मू के लिए वोट मांगने कांग्रेस विधायकों के घर पहुंचे थे। विधायकों को दो बार मतदान का प्रशिक्षण दिया गया।

यशवंत सिन्हा को केवल कांग्रेस के ही वोट


इधर संयुक्त विपक्ष की ओर से उम्मीदवार बनाए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को केवल कांग्रेस के वोटों का ही भरोसा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 71 विधायक हैं। इसमें से आधे लोग आदिवासी समुदाय से आते हैं। कांग्रेस का पूरा जोर इन वोटों को यशवंत सिन्हा के पक्ष में एकजुट रखने की है। विधायकों को इसका संदेश दिया जा चुका है।


रविवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में करीब 15-20 मिनट का एक प्रशिक्षण हुआ। इसमें विधायकों को राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया समझाई गई। पहचान पत्र और सभी आवश्यक दस्तावेज अनिवार्य रूप से लेकर विधानसभा पहुंचने को कहा गया। एक मॉक ड्रिल में यह बताया गया कि अपने उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नाम के आगे वाले खाली बॉक्स में निर्वाचन आयोग की ओर से दिए पेन से “1' कैसे लिखना है।