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पड़ोसी के कुत्ते ने महिला पर किया हमला, मामला दर्ज



जैसलमेर। जैसलमेर के हड्डा गांव में एक जंगली कुत्ते ने एक महिला को काट लिया. महिला के बेटे ने कुत्ते और उसकी देखभाल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई के लिए सदर थाने में आवेदन दिया है. हड्डा गांव निवासी अनिल कुमार ने बताया कि उनके पड़ोसी के पास गांव में एक जंगली कुत्ता था और उसने उसे खुला छोड़ दिया था। बुधवार को उस जंगली कुत्ते ने उसकी मां को कई जगह काट लिया. हमने जवाहिर अस्पताल में मेरी मां का इलाज किया। अनिल कुमार ने बताया कि जब हमने कुत्ते की शिकायत उसके मालिक भैराराम और उसके बच्चों से की तो उन्होंने हमसे मारपीट शुरू कर दी. आख़िरकार तंग आकर हमने कुत्ते के मालिक के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने और उसे यहां से बाहर निकालने के लिए याचिका दायर की है.



पीड़ित महिला के बेटे अनिल पंवार ने बताया कि हड्डा गांव के भैराराम पुत्र मंगलाराम श्रीधर, प्रदीप पिता भैराराम के पास पिछले कुछ सालों से कुत्ता है। कुत्ता भी स्वभाव से जंगली है और उसे आज़ाद रखा गया है। यह कुत्ता हाल के वर्षों में कई बार मवेशियों और कई लोगों को काट चुका है. यह कई बार स्कूल जाने वाले बच्चों को भी काट चुका है। अनिल ने बताया कि जब भी हम कुत्ते के मालिक से इस बारे में शिकायत करते हैं तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता, उल्टे वह मारपीट पर उतारू हो जाता है. अनिल ने कहा कि समस्या यह है कि इस घर के पास स्कूल, मंदिर और आंगनवाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, डॉक्टर का घर होने और यहां से सड़क जाने के कारण इस कुत्ते की घटनाएं होती रहती हैं.



अनिल पंवार ने बताया कि बुधवार सुबह उसकी मां घर से निकली और पास में ही अपने चाचा के घर जा रही थी। इसी बीच वही कुत्ता पीछे से आया और काटने लगा। लेकिन उसके मालिकों ने सब कुछ सामने देखा लेकिन कुत्ते की मां को नहीं बचाया. ऊपर आई महिलाओं ने मेरी मां को कुत्ते से बचाया। हम तुरंत अपनी मां को कार से जवाहिर अस्पताल ले गए और उनका इलाज किया तथा उन्हें रेबीज का इंजेक्शन लगाया। अनिल पंवार ने बताया कि बुधवार की घटना से तंग आकर आखिरकार उन्होंने कुत्ते और उसके मालिकों के खिलाफ सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया. हमने सदर थाना पुलिस को अनुरोध भेजा है कि मामला दर्ज कर ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये और कुत्ते को जंगल में छोड़ दिया जाये. हमने कहा है कि कुत्ते को शहर से बाहर कहीं छोड़ दिया जाए और उसके मालिकों पर प्रतिबंध लगाया जाए ताकि भविष्य में ऐसे कुत्ते न हों और किसी भी तरह की प्रतिकूल घटना से बचा जा सके.