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पलक्कड़ में आरएसएस नेता की हत्या
पलक्कड़ (केरल), 16 अप्रैल (भाषा) केरल के पलक्कड़ जिले में शनिवार को एक गिरोह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक नेता की हत्या कर दी। इससे कुछ घंटे पहले जिले में पीएफआई के एक नेता की हत्या का मामला सामने आया था।
जिले में 24 घंटे के भीतर राजनीतिक हत्या का यह दूसरा मामला है।
पुलिस ने कहा कि आरएसएस के पदाधिकारी एस के श्रीनिवासन (45) पर छह सदस्यीय गिरोह ने मेलमुरी में उनकी मोटरसाइकिल की दुकान पर हमला किया।
इस घटना से कुछ घंटे पहले यहां पास के एक गांव में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक नेता की हत्या कर दी गई। दोपहर में आरएसएस नेता की हत्या के बाद स्थानीय लोगों ने आसपास के इलाकों में दुकानें बंद करा दी और पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है।
टीवी चैनल द्वारा प्रसारित आस-पास की दुकानों के सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि हमलावर तीन मोटरसाइकिल पर सवार होकर दुकान पर पहुंचे और उनमें से तीन ने श्रीनिवासन पर हमला कर दिया। आरएसएस नेता की हत्या के बाद मौके से फरार हुए अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने व्यापक छापेमारी शुरू कर दी है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय सखारे 24 घंटे के भीतर हुई दो राजनीतिक हत्याओं की जांच के साथ समन्वय करने के लिए पलक्कड़ शहर पहुंचेंगे और वहां रहेंगे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘केरल सशस्त्र पुलिस-1 (केएपी-1) की तीन कंपनियों को पलक्कड़ जाने का निर्देश दिया गया है।’’
सशस्त्र पुलिस बटालियन के लगभग 270 सदस्य सुरक्षा उपायों के तहत पलक्कड़ में डेरा डालेंगे।
इस बीच, पुलिस ने शनिवार को कथित तौर पर पिछले दिन सुबैर की हत्या के सिलसिले में आरएसएस के चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
सुबैर (43) की जिले के एलाप्पल्ली में कथित तौर पर उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह शुक्रवार दोपहर एक मस्जिद में नमाज अदा कर घर लौट रहे थे।
पीएफआई नेता का शव यहां के जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया। बड़ी संख्या में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और पीएफआई कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के साथ सुबैर के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थान ले जाया गया।
पीएफआई ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि उसके नेता की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ है। पुलिस को आशंका है कि प्रतिशोध में आरएसएस नेता पर हमला किया गया।
इस बीच पुलिस ने चेतावनी दी है कि पलक्कड़ हत्याकांड की पृष्ठभूमि में सोशल मीडिया के जरिए सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के पुलिस प्रमुख ने सांप्रदायिक तनाव को भड़काने वाली किसी भी फर्जी खबर के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए राज्य में सोशल मीडिया गतिविधि पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
इससे पूर्व दिन में विपक्षी दल कांग्रेस ने शनिवार को वाम सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में आजकल सांप्रदायिक और राजनीतिक हत्याओं के बढ़ते मामले मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा की जा रही सांप्रदायिक तुष्टीकरण का परिणाम है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीसन ने कहा कि पुलिस बल हिंसा और हत्याओं की इन घटनाओं का मूकदर्शक बन गया है और लोग भय में जी रहे हैं क्योंकि उनके जीवन और संपत्ति की कोई सुरक्षा नहीं है।
उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्य उत्तर से दक्षिण तक ‘‘गुंडा गलियारा’’ में बदल गया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और एसडीपीआई जैसी सांप्रदायिक ताकतें राज्य में हिंसा कर रही हैं।
इस बीच, आरएसएस के कार्यकर्ता की हत्या की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि पीएफआई की राजनीतिक शाखा एसडीपीआई श्रीनिवासन की हत्या के पीछे है।
माकपा के जिला सचिव ईएन सुरेश बाबू ने कहा कि आरएसएस और एसडीपीआई पलक्कड़ जिले में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने एक बयान में कहा कि आरएसएस कार्यकर्ता की दिनदहाड़े हत्या केरल में बिगड़ती कानून व्यवस्था का ताजा उदाहरण है।
मुरलीधरन ने कहा, "राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। यह चिंताजनक है कि जिस राज्य में मुख्यमंत्री खुद गृह मंत्रालय संभाल रहे हैं, वहां पुलिस विभाग चरमरा गया है।"