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Unemployment Suicide Cases: बेरोजगारी से परेशान होकर तीन साल में इतने हजार लोगों ने कि खुदकुशी, ज्यादा जानकारी के लिए पढ़े पूरी खबर..

देश में रोजगार दिलाने के नाम पर सभी पार्टियों के द्वारा बड़े बड़े दावे किया जाता है। लेकिन बेरोजगारी कम नही कर पा रहे है. और लगातार विपक्ष केन्द्र सरकार पर बेरोजगारी को लेकर निशाना सधाती रहती है। ऐसे समय में गृह मंत्रालय की ओर से संसद में दिए गए दो जवाब काफी चौंकाने वाले हैं. साथ ही सरकार की चिंता बढ़ाने वाले भी हैं. देश में खुदकुशी के मामले को लेकर गृहमंत्रालय ने राज्यसभा में जवाब दिया है. गृहमंत्रालय की ओर से जवाब में कहा गया है कि बेरोजगारी के चलते सिर्फ 3 सालों में 9 हजार से अधिक लोगों ने आत्महत्या (Suicides) की है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों (NCRB) में साल 2018 से 2020 के दौरान तीन सालों में हुई आत्महत्याओं का ब्यौरा दिया गया है



केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए राज्यसभा में बुधवार को एक लिखित जवाब दिया. जवाब में सरकार ने बताया है कि साल 2018, 2019 और 2020 में बेरोजगारी के चलते कुल 9 हजार 140 लोगों ने आत्महत्याएं की. इतना ही नहीं जवाब में ये भी बताया गया कि इन तीन सालों में कर्ज और दिवालिया होने के चलते कुल 16 हजार 91 लोगों ने खुदकुशी की है.



सरकार की ओर से दिए गए इन आंकड़ों में मार्च 2020 में कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद पैदा हुए हालात के केवल शुरुआती आंकड़े शामिल किए गए हैं. माना जाता है कि लॉकडाउन के चलते देश में रोजगार की स्थिति पर बुरा असर पड़ा. जिसके बाद कई लोगों को खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ा. वहीं, इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में भी गृह मंत्रालय की ओर से किसानों की आत्महत्या को लेकर एक लिखित जवाब दिया गया जो सरकार के लिए काफी चिंताजनक है. लोकसभा में गृह मंत्रालय ने बताया कि 2018, 2019 और 2020 के दौरान देशभर में क्रमशः 5763, 5957 और 5579 किसानों ने आत्महत्या की. ये संख्या कुल मिलाकर 17,199 है