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गणेश चतुर्थी 2022: गणेश चतुर्थी के दौरान इन 3 रंगों से करें भगवान गणेश की पूजा


हर भक्त की यही इच्छा होती है कि प्रसन्नचित्त के साथ गणेश महोत्सव के दौरान गजानन ( श्री गणेश) हमें खुशियों का आशीर्वाद दें। इसलिए गणेश उत्सव के दौरान वक्रतुंड की विशेष पूजा की जाती है। इसमें यह भी कहा गया है कि लंबोदर को उस रंग से पूजा जाता है जो उसे प्रिय है, तो वह अधिक खुश होता है। तो आइए जानें कि गणेश उत्सव के दौरान आप दिन में किस रंग की पूजा में प्रयोग कर सकते हैं, एकदंत का भोग लगा सकेंगे। हरा रंग लाएगा जीवन में मिठास आप गणेशोत्सव के दौरान पूजा में हरे रंग का भी प्रयोग कर सकते हैं। हरा प्रकृति का रंग है। यह हमें ठंडा, तरोताजा, आत्मविश्वास, खुश और सकारात्मक महसूस कराता है। अपने महत्व के कारण ही यह रंग न केवल वक्रतुंडा को बल्कि गौरी शंकर को भी बहुत प्रिय माना जाता है। शायद इसी कारण से विघ्नहर्ता को हरा दूर्वा चढ़ाने में विशेष महिमा है। इसलिए गणेश उत्सव के दौरान यदि आप विघ्न दूर करते हैं तो उसे अवश्य चढ़ाएं। साथ ही आप भगवान को हरे रंग से सजा सकते हैं।



लाल लंबोदर का पसंदीदा रंग है लाल रंग सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि ज्यादातर शुभ अवसरों पर लोग लाल रंग के कपड़े पहनते हैं। इसलिए विशेष अवसरों पर पूजा स्थल को भी लाल रंग से सजाया जाता है। लाल रंग भाग्य, उत्साह, साहस और नए जीवन का संकेत देता है। लाल रंग के इसी महत्व के कारण गजानन गणेशजी को लाल रंग भी बहुत प्रिय माना जाता है इसलिए गणेशजी की पूजा में लाल रंग का प्रयोग करना चाहिए। आप गणेशोत्सव के दौरान भगवान गणेश को लाल वस्त्र पहनाकर पूजा करवा सकते हैं। इन दिनों उन्हें लाल फूल चढ़ाएं। हो सके तो जासूस। क्योंकि जसूद श्रीगणेश को बहुत प्रिय माना जाता है। इतना ही नहीं वक्रतुंड की विशेष कृपा के लिए आप पूजा के दौरान लाल रंग भी पहन सकते हैं। सुख पाने के लिए करें पीले रंग का प्रयोग पीला रंग बृहस्पति और सूर्य जैसे ग्रहों का प्रतिनिधित्व करता है। सनातन धर्म में पीले रंग का विशेष महत्व है। यही कारण है कि किसी भी प्रकार के शुभ कार्य और पूजा में इस रंग का प्रयोग किया जाता है। पीला रंग किसी की कुंडली और भाग्य में बृहस्पति को जगाता है। श्रीहरि और गणेश सहित सभी देवता भी पीतांबर पहनते हैं। फिर पीले रंग के महत्व को देखते हुए भगवान गणेश की पूजा में पीले रंग का प्रयोग भी लाभकारी होगा। इसलिए अनंत चौदस ने गणेश जी को पीले वस्त्र पहनाए और पीले फूल चढ़ाए।