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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को जारी किया नोटिस , क्या है पूरा मामला जानने के लिए देखें पूरी खबर

बिलासपुर। एक मामले की सुनवाई करते हुते छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि मैनेजिंग डायरेक्टर पीसीसीएफ द्वारा विभागीय जांच में रजिस्ट्रार को-आपरेटिव सोसायटी को क्यों सहयोग नहीं दिया जा रहा है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को मामले को 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने आदेश दिया है। तथा उक्त मामले को 14 मार्च 2022 के हफ्ते में पुनः सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया है।याचिकाकर्ता युगल किशोर चंद्राकर की नियुक्ति को— आपरेटिव इंस्पेक्टर के पद पर सहकारिता विभाग में हुई थी। वर्ष 1987 से 1997 तक याचिकाकर्ता को कार्यालय कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट जनरल मैनेजर जिला वनोपज सहकारी संघ दुर्ग प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था । प्रतिनियुक्ति की अवधि पूर्ण करने के पश्चात्‌ 6 मार्च 1997 को याचिकाकर्ता के पक्ष में कोई भी शिकायत या वसूली का प्रकरण लंबित नहीं होने का प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए उनकी पदस्थापना मूल विभाग में की गई। तकरीबन 14 वर्षों की देरी के बाद बिना किसी ठोस प्रमाण के 3 अगस्त 2011 को याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रतिनियुक्ति के दौरान हिसाब नहीं देने के आरोप पर विभागीय जांच गठित की गई। इसमें तीन बार जांच करने के बाद भी याचिकाकर्ता के विरुद्ध आरोप प्रमाणित नहीं किया जा सका और रजिस्ट्रार को-आपरेटिव सोसाइटी द्वारा बार-बार पत्र लिखने के बावजूद चीफ कंजर्वेटर आफ फारेस्ट एवं मैनेजिंग डायरेक्टर जिला लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित बालोद के द्वारा कोई भी जवाब नहीं दिया गया और ना ही आरोप के समर्थन में आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।