Breaking News :

उड़ीसा की बाघिन से मिलने 400 किमी दूर आए शिवाजी टाइगर, 21 दिन बाद होगी पहली मुलाकात


राजस्थान की राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के लिए एक खुशखबरी है, क्योंकि यहां उड़ीसा से लाई गई रानी नाम की टाइग्रेस से जोड़ा बनाने के लिए चार साल के टाइगर शिवाजी को आखिर जयपुर ले आया गया है। जयपुर लाने के दौरान यात्रा में जो चैलेंज सामने आए उनसे एक बार तो वन विभाग वाले भी घबरा गए। उमस और गर्मी ने टाइगर की हालत पतली कर दी।


 इस दौरान हर चालीस से पचास किलोमीटर के बीच जू और वन विभाग वालों ने ब्रेक लिए। टाइगर की तिमारदारी की और आखिर उसे जयपुर सुरक्षित पहुंचा ही दिया। पर्यटकों के लिए 21 दिन के बाद उसे खोला जाएगा और उसके बाद उसका कुनबा बढ़ने का इंतजार किया जाएगा। चैलेंज था चार सौ किलोमीटर दूर से लाना, लेकिन टाइगर ने कोऑपरेट किया दरअसल जयपुर के नाहरगढ़ पहाड़ के नजदीक कुछ समय पहले बनाया गया नाहरगढ़ बायोलॉजिक पार्क में रखने के लिए टाइगर को लाया गया है। शिवाजी नाम के चीते को ग्वालियर से लाने की तैयारी काफी समय से चल रही थी। आखिर मंगलवार शाम वह जयपुर ले आया गया। ग्वालियर के गांधी जूलॉजिकल पार्क से उसे राजधानी लाया गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टाइगर शिवाजी को जयपुर लाने के दौरान चार सौ किलोमीटर का सफर तय करना पड़ गया। चार सौ किलोमीटर के दौरार हर चालीस से पचास किलोमीटर पर टाइगर को ग्लूकोस और इलेक्ट्रॉल दिया गया। उसे सॉलिड डाइट नहीं दी गई। न ही उसे बोंस दी गई। जब जयपुर लाया गया तो उसके कुछ घंटे तक उसे कुछ खाने के लिए नहीं दिया गया। अब बुधवार से उसकी प्रॉपर डाइट शुरु की गई है।