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अलवर में जमुवारामगढ़ में नजर आया टाइगर एसटी-24, करीब 1 महीने से सरिस्का में नहीं दिखे


अलवर, सरिस्का टाइगर एसटी-24 जमुवरमगढ़ के जंगलों में है। 24 दिन पहले बाघ के पैरों के निशान मिले थे। अब करीब 28 दिनों के बाद बाघ को कैमरे के जाल में फंसा देखा गया है। जिससे सरिस्का प्रशासन की चिंता कुछ कम हुई है। काफी देर तक बाघ नहीं मिला। अब कैमरा ट्रैप होना एक बड़ी राहत है। दरअसल सरिस्का में दो-तीन बाघ गायब हो गए हैं। जो ज्ञात नहीं हैं। इससे महज 2 साल के बाघ के गायब होने से चिंता और बढ़ गई है। 70 KM दूर पहुंचा सरिस्का के तहला से टाइगर एसटी 24 जमुवरमगढ़ के जंगलों में पहुंचा। एक बाघ वहां करीब 25 दिनों तक रहता है। सरिस्का में बाघ के निशान नहीं मिले तो तलाश शुरू हुई। इसके बाद जमुरामगढ़ में पैरों के निशान मिले। 


लेकिन, अब एक कैमरा ट्रैप के जरिए बाघ की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। एसटी-12 टैक्स शावक टाइगर एसटी -24 टाइगर एसटी 12 की संतान है। जिनकी उम्र करीब 2 साल है। दो महीने पहले बाघ ने अपना इलाका बनाना शुरू किया था। सबसे पहले वह घूमने आया था। फिर अजबगढ़ पहुंचे। वहां से बाघ जमुवरमगढ़ पहुंच गया है। जबकि इस बाघिन की मां एसटी-12 क्षेत्र के ताड़ के जंगलों में रह रही है। वहां से टाइगर करीब 20 महीने बाद थाला के लिए रवाना हुआ। फिर जमुवरमगढ़ पहुंचने के लिए आगे बढ़ें। जमुवरमगढ़ के पापड़ गांव के पास टाइगर एसटी 24 के जामवरमगढ़ के जोल नाका के पापड़ गांव के आसपास सबसे पहले पैरों के निशान मिले। वहीं कैमरा पास में ही एक ट्रैप में मिला है। उप वन संरक्षक सरिस्का डीपी जगवत ने बताया कि एसटी 24 व 25 बाघ फरवरी माह में अजबगढ़ रेंज के जंगल में पहुंचे थे।