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प्याज आने वाले दिनों में नहीं रुलाएगा, मोदी सरकार ने उठाया ये कदम


नई दिल्ली: देश में आम आदमी को महंगी प्याज ना रुलाये, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस बार पहले से बड़ी तैयारी कर ली है. साथ ही प्याज के स्टोरेज को बेहतर करने के लिए सरकार अब छात्र, रिसर्चर्स और स्टार्टअप के साथ मिलकर काम कर रही है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार ने 2022-23 में बफर स्टॉक बनाने के लिए 2.50 लाख टन प्याज की रिकॉर्ड खरीद की है. ये 2021-22 में बनाए गए 2 लाख टन के बफर स्टॉक से अधिक है. नेफेड ने महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में किसान उत्पादक संगठनों (FPO) और सीधे किसानों से ये खरीद की है.


 भारत में प्याज की 65 प्रतिशत पैदावार रबी की फसल के दौरान होती है. ऐसे में सरकार बफर स्टॉक के लिए अप्रैल-जून के दौरान ही बड़ी खरीद करती है, ताकि अगस्त से दिसंबर के बीच जब बाजार में प्याज की उपलब्धता कम होती है, तब उसके दाम को बढ़ने से रोका जा सके. कीमतों को स्थिर रखने के लिए सरकार इसी बफर स्टॉक को जरूरत के समय खुले बाजार में रिलीज करती है. प्याज धीरे-धीरे खराब होने वाली सब्जी है. कटाई के बाद इसके सूखने, वजन कम होने, सड़ने या अंकुरित होने से काफी नुकसान होता है. लेकिन अब सरकार इसके स्टोरेज को नई टेक्नोलॉजी से जोड़ना चाहती है, ताकि इसकी शेल्फ-लाइफ को और बढ़ाया जा सके. इसके लिए सरकार अब प्याज की शुरुआती प्रोसेसिंग और स्टोरेज के लिए नई टेक्नोलॉजी को डेवलप करने पर ध्यान दे रही है और इसके लिए उसने ग्रैंड चैलेंज की घोषणा की है. इस चैलेंज में अंडरग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और डिप्लोमा होल्डर छात्रों के साथ-साथ रिसर्चर्स और स्टार्टअप कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं. उन्हें बस करना इतना है कि वो प्याज की बर्बादी को रोकने के कुशल और किफायती उपाय विकसित करें.