Breaking News :

फेक IPL में बड़े खुलासे: गुजरात से UP तक 4 शहरों में होता था खेल, पाकिस्तान से भी कनेक्शन

गुजरात में फर्जी आईपीएल के भंडाफोड़ के बाद इस केस में कुछ और दिलचस्प और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पहले आसिफ मोहम्मद और अशोक चौधरी को इस फर्जीवाड़े मास्टमाइंड समझा जा रहा था, लेकिन अब पता चला है कि इस खेल का सबसे बड़ा 'खिलाड़ी' एक रूसी नागरिक है। सट्टेबाजों को चूना लगाने के लिए रचे गए फर्जी आईपीएल का पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आया है। यह भी पता चला है कि फर्जी आईपीएल सिर्फ गुजरात के लिए मेहसाना ही नहीं बल्कि यूपी के हापुड़ समेत देश के कम से कम चार शहरों में भी ऐसा ही फर्जी टूर्नामेंट चल रहा था। 


मेहसाना पुलिस के मुताबिक, फेक आईपीएल का मास्टमाइंड एक रूसी नागरिक है, जिसका नाम 'एफिमोव' बताया जा रहा है। मोलीपुर के अलावा फर्जी आईपीएल लीग यूपी के हापुड़, महाराष्ट्र के पुणे और पंजाब के जालंधर में भी चल रहा था। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेहसाना पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ''आरोपियों के टेलिग्राम चैट की जांच से पता चला है कि एफिमोव इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंट है। आसिफ मोहम्मद और अशोक चौधरी उसके लिए ही काम कर रहे थे और मोलीपुर के अलावा दूसरी जगहों पर भी फेक आईपीएल चल रहा था। आसिफ पाकिस्तानी नागरिक है तो अशोक भारतीय है।'' 


एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, एफिमोव और उसके भारतीय सहयोगी के अलावा दो रूसी और तीन पाकिस्तानी भी इस घोटाले में शामिल थे। मेहसाना पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने शुक्रवार को मोलीपुर में चार लोगों को पकड़ा तो इस फर्जी क्रिकेट लीग रैकेट का खुलासा हुआ। मंगलवार को इसी तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा यूपी पुलिस ने मेरठ के हापुड़ में किया। मेहसाना एसओजी सूत्रों ने कहा कि गैंग रूसी सट्टेबाजों से पैसे के लिए लगातार मैच का आयोजन करता था। मोलीपुर से पकड़ा गया शोएब दवदा 8 महीने रूस में रहा था और हाल ही में भारत लौटा था। मोहम्मद और चौधरी ने उसे टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजन करने को कहा था। उसी ने मोलीपुर में मैच की सलाह दी थी। 


अधिकारी ने कहा, ''उन्होंने मेरठ में करीब 20 मैच का आयोजन किया था। जब उन्हें लगता था कि मैच वैन्यू जांच के दायरे में आ सकता है, वे स्थान बदल देते थे। कुछ मैच पुणे और जालंधर में भी खेले गए। हम उसकी जांच कर रहे हैं।'' मैचों का यूट्यूब चैनल और मोबाइल ऐप पर प्रसारण किया जाता था। खिलाड़ी के रूप में 21 मजदूरों को प्रतिदिन 400 रुपए की दिहाड़ी पर रखा जाता था। अंपायर भी नकली थे। फर्जीवाड़े के लिए 5 एचडी कैमरे भी खरीदे गए थे और तकनीक का इस्तेमाल करके नकली मैच को असली की तरह दिखाते थे। दर्शकों की आवाज भी डाल दी जाती थी तो मशहूर कमेंटेटर हर्षा भोगले जैसी आवाज में मिमिक्री आर्टिस्ट कॉमेंट्री करता था।