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जानिए इन 4 गलतियों से टूट जाता है सात फेरों का बंधन


आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं. कहा जाता है कि चाणक्य की नीतियों की वजह से ही साधारण बालक चंद्रगुप्त मौर्य मगध का सम्राट बना. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में समाज के लगभग हर विषय से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया है. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में वैवाहिक जीवन के लिए कई ऐसी बातों के बारे में बताया है, जिसका अनुसरण करके पति-पत्नी अपने रिश्ते को मजबूत कर सकते हैं. धोखा आचार्य चाणक्य के अनुसार, वैवैहिक जीवन में धोखा जहर के समान होता है. सिर्फ पति-पत्नी ही नहीं, किसी भी रिश्ते में धोखा नहीं होना चाहिए. अगर पति-पत्नी को अपने रिश्ते को मजबूत करना है, तो जीवन में कभी भी एक-दूसरे को धोखा न दें. झूठ चाणक्य नीति में कहा गया है कि पति-पत्नी के रिश्ते में झूठ की कोई गुंजाइश नहीं होती है. एक बार रिश्ते में जब झूठ पकड़ा जाता है, तो रिश्ता कमजोर होने लगता है. इसलिए झूठ से दूरी बनाकर रखना ही बेहतर होता है. पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति समर्पित रहना चाहिए.


बराबरी अक्सर रिश्ते में लोग खुद को एक दूसरे से ऊपर समझने लगते हैं. चाणक्य नीति के अनुसार वैवाहिक जीवन में यह व्यवहार एक बड़ी भूल के समान है. पति-पत्नी को हमेशा एक-दूसरे को बराबर समझना चाहिए. ऐसा करने से रिश्ते में मधुरता बनी रहती है. क्रोध आचार्य चाणक्य के अनुसार क्रोध किसी भी रिश्ते को इतना कमजोर बना सकता है कि उसके बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है. दांपत्य जीवन में पति या पत्नी को हमेशा अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए. गुस्से में किया गया फैसले से बाद में पछताना पड़ता है. इसलिए गुस्सा करने की बजाय सोच समझ कर व्यवहार करना चाहिए.