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छत्तीसगढ़िया झालर, बाजारों में मांग बढ़ी


रायपुर। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और लक्ष्मी का रूप मानकर दीवाली में धान की बालियों की पूजा करने का भी विधान है। दीवाली पर घर के मुख्य द्वार को सजाने के लिए अनेक सजावटी सामान के बीच छत्तीसगढ़ में धान की बाली से बनी झालर भी इस समय बाजार में बिक रही है।और इसे खूब पसंद भी किया जा रहा है, इस बार कई तरह की डिजाइनर धान की बालियां भी बाजारों में उपलब्ध हैं। स्थानिय कारिगरों द्वारा तैयार की गई इस झालर को आप रायपुर में और अन्य जिलों में भी खरीद पाएंगे। हालकि रायपुर में बूढ़ा तालाब के किनारे कई किसान परिवार धान की बालियां बेचते हुए नजर आ रहे हैं। किसान परिवार बीते 1 हफ्तों से रायपुर में ही हैं। जिस जगह पर किसान परिवार धान की बालियां बेच रहे हैं। उसी स्थान पर अपना वे रहना खाना भी कर रहे हैं। किसान परिवारों का कहना है कि वे साल भर खेती किसानी करते हैं और दिवाली के अवसर पर धान की बालियां तैयार कर उसे बेंचते हैं। जिससे जो भी मुनाफा होता है उसमें घर और खेती की जरुरतों को पूरा किया जाता है। ये दीवाली इन किसानो के लिए कई माइनों में बहुत खास हैं। साल में एक बार दिवाली ही ऐसा त्योहार हैं जब किसान का पूरा परिवार धान की बालियां बेंचने के लिए रायपुर की ओर प्रस्थान करते है। प्रदेश के दूर दराज गांव से आए हुए किसान परिवार लक्ष्मी पूजा के दिन अपने गांव के लिए रवाना होंगे। प्रदेश में इस अनोखे झालर को खूब पसंद किया जा रहा हैं। लोग किसानों से झालर खरीद कर उनकी तारीफ कर रहे हैं।