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विधानसभा में सीएम भूपेश बघेल ने कहा - पूरे होंगे घोषणा पत्र के वादे


रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितिकरण का मामला उठा. चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष में तीखी नोक-झोंक हुई. सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष की नारेबाजी की. भारी शोर-शराबे के बीच आसंदी ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी. इसके पहले नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि कितने कर्मचारियों को नियमित किया गया?


 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 11 दिसम्बर 2019 को प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव विधि-विधायी, सचिव सामान्य प्रशासन, सचिव वित्त, सचिव पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग और सचिव आदिम जाति-अनुसूचित जनजाति विकास विभाग की एक कमेटी बनाई गई है. कमेटी की एक बैठक भी हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने बताया कि विभागों और निगम, मंडल और आयोगों से कार्यरत अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों की जानकारी मंगाई गई है. कई विभागों से आ चुके हैं और कई विभागों से आनी बाक़ी है. कई मामले कोर्ट में भी चल रहे हैं. 28 मई 2019 को महाधिवक्ता को चिट्ठी लिखकर अभिमत माँगा गया है. कोरोना की वजह से भी देरी हुई. अब हालात सामान्य हो रहे हैं. कब तक होगा समय सीमा बताना निश्चित नहीं है. हमारी कोशिश है कि घोषणा पत्र के वादे पूरे कर दिए जाए.