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15 जुलाई को छत्तीसगढ़ आएंगी राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू, सांसदों-विधायकों संग करेंगी बैठक
NDA की राष्ट्रपति पद प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू रायपुर आने वाली हैं। 15 जुलाई को उनका रायपुर में कार्यक्रम तय है। मुर्मू का यह पहला छत्तीसगढ़ दौरा है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी तैयारियों में लगी हैं। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में इसे लेकर एक बैठक भी बुलाई गई। इस बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय, पूर्व CM डॉ रमन सिंह, और नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक समेत तमाम नेता मौजूद थे।
कौशिक ने मीडिया को बताया कि बैठक में द्रौपदी मुर्मू के स्वागत, सम्मान बैठक को लेकर चर्चा की गई। एनडीए और उसके सहयोगी दलों ने आदिवासी महिला को प्रत्याशी बनाया है। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब आदिवासी समाज से कोई राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार है। छत्तीसगढ़ तो आबादी के लिहाज से 32 प्रतिशत आदिवासी प्रदेश है। यहां मुर्मू जी को जन समर्थन मिल रहा है।
BJP बोली-अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट करें
कौशिक ने इशारे-इशारे में कांग्रेसियों से कह दिया कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। राष्ट्रपति किसी पार्टी का नहीं होता है। ये तो एक संवैधानिक पद है। अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट देना चाहिए। कौशिक ने बताया कि द्रौपदी विधायक, सांसदों की बैठक लेंगी, इसी की रूप रेखा तय हुई है।
छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश का दौरा
द्रौपदी मुर्मू 15 जुलाई की सुबह 11 बजे छत्तीसगढ़ के सांसदों और विधायकों के साथ बैठक करेंगी। इस दौरान वे अपने लिए वोट की अपील करेंगी। मुर्मू छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश जाएंगी। राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को मतदान प्रस्तावित है। इससे पहले इस पद के दोनों उम्मीदवार मुर्मू व यशवंत सिन्हा सभी राज्यों का दौरा कर वोट की अपील कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियों की तरफ से उम्मीदवार सिन्हा पिछले स्पताह रायपुर आए थे।
मुर्मू रह चुकी हैं राज्यपाल
20 जून 1958 में जन्मीं मुर्मू की पढ़ाई-लिखाई भुवनेश्वर के रमादेवी वीमेंस कॉलेज से हुई है। वह स्नातक हैं। उनके पति श्याम चरण मुर्मू इस दुनिया में नहीं हैं। उनके एक बेटी है। उसका नाम इतिश्री मुर्मू है। इतिश्री का विवाह हो चुका है। द्रोपदी मुर्मू 1997 में पार्षद बनीं, 2004-2009 के बीच ओडिशा के रायरंगपुर से विधानसभा सदस्य थीं। 2002-2009 के बीच मुर्मू ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर एस.टी. मोर्चा की जिम्मेदारी संभाली। 2000-2004 के बीच वह ओडिशा सरकार में परिवहन और वाणिज्य विभाग की मंत्री रही हैं। वो झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।
आ चुके हैं यशवंत सिन्हा
पिछले सप्ताह रायपुर आए कांग्रेस जैसी विपक्षी दलों के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने कुछ खास बातें कहीं थीं। रायपुर में सिन्हा ने कहा था कि- आज देश में जो हालात हैं देश को खामोश राष्ट्रपति नहीं चाहिए। ऐसे भी लोग इस पद पर आए जिन्होंने इसकी शोभा बढ़ाई है। जो राष्ट्रपति पद पर जाए वो अपने संवैधानिक दायित्वों को निभाए। राष्ट्रपति का एक अधिकार जो है वो ये है कि वो सरकार को मशवरा दे सकता है। वो गर पीएम हाथ में कठपुतली होंगे तो ऐसा नहीं करेंगे। इसलिए अगर मैं इस चुनाव में हूं तो इस आशा और विश्वास के साथ मैं ये जिम्मा निभाउंगा।