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छत्तीसगढ़ में IT – ED के हत्थे चढ़े IAS अफसर , GST कमिश्नर रहे समीर विशनोई पत्नी समेत ED के कब्जे में ,पढ़े पूरी खबरे


रायपुर : छत्तीसगढ़ में IT – ED की टीम को कल हुई छापेमारी में बड़ी कामयाबी की खबर आ रही है। अब उसके आधिकारिक ब्यौरे का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि IAS अधिकारी और पूर्व में स्टेट कमिश्नर रहे समीर विशनोई पत्नी समेत ED के कब्जे में है। आज सुबह लगभग 11 बजे केंद्रीय एजंसियों के अफसरों के साथ उन्हें एक प्राइवेट वाहन में ले जाते हुए देखा गया है। सूत्रों का दावा है कि इसके पूर्व भारी – भरकम बैग में लदे सामान को भी एक गाड़ी में लोड होते देखा गया है। संभावना जताई जा रही है कि इस बैग में नगदी और दस्तावेज हो सकते है। कयास लगया जा रहा है कि कही वसूलीबाज ये अफसर ED के हथ्थे तो नहीं चढ़ गया।


सूत्रों का दावा है कि इस अफसर ने अकेले रायपुर में 200 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अर्जित की है। रायपुर की रिंग रोड नंबर – 1 , रिंग रोड नंबर – 2 , जोरा , VIP रोड , नई राजधानी , धमतरी रोड , कचना और भिलाई रोड पर समीर विशनोई ने अपनी पत्नी के नाते – रिश्तेदारों से लेकर खुद के परिजनों के नाम पर बड़े पैमाने पर बेनामी जमीने खरीदी है। स्टेट GST विभाग में बाबुओं को निरीक्षक प्रमोट एवं प्रभार देने के लिए उसकी कार्यप्रणाली भी चर्चा में है।


बताया जाता है कि GST विभाग से स्थान्तरित होने के बाद इस अफसर ने पुरानी तिथि में बाबुओ के प्रमोशन ऑर्डर जारी किये और मोटी रकम वसूली। प्रदेश भर में अवैध वसूली के लिए जाने – पहचाने जाने वाले इस अफसर की पत्नी द्वारा कारोबारियों के साथ डील करने के मामले भी आम बताये जा रहे है।


सूत्रों के मुताबिक समीर विशनोई ने तमाम जिलों में बेगारी और अवैध वसूली के लिए अपने चहेते कर्मियों की नियुक्ति कर उन्हें फ्री हेंड दे रखा था। फिर हफ्ता और महीना वसूली का बीड़ा उसकी पत्नी संभालती थी। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ के अलावा इस अफसर ने दिल्ली और राजस्थान में भी बड़े पैमाने पर चल – अचल  संपत्ति खरीदी है। बताया जाता है कि कब्जे में लिए गए अफसरों से पूछताछ जारी है | उन्हें गिरफ़्तार किया गया है या नहीं ,इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है |  


उधर छत्तीसगढ़ की एक और महिला IAS एवं कलेक्टर कोरबा ED की भनक लगते ही पिछले 24 घंटे से कार्यालय कलेक्टर रायगढ़ और अपने सरकारी बंगले से नदारत है। बताया जाता है कि मुख्यालय छोड़ने से पूर्व उन्होंने शासन से कोई अनुमति नहीं ली है। हिन्दुस्तान में पहली बार छत्तीसगढ़ में IT – ED का ख़ौफ़ इस कदर नजर आया कि एक जिले की कलेक्टर अपने कर्तव्यों की तिलांजलि देकर गायब हो गई। बताया जाता है कि IT – ED की दस्तक की खबर लगते ही रानू साहू ने मौके से भाग निकलना मुनासिब समझा।


इधर कलेक्टर के नदारत होने के 24 घंटे बाद भी राज्य शासन की ओर से कलेक्टर की आधिकारिक मौजूदगी को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने इस बारे में चीफ सेकेट्री कार्यालय से भी संपर्क किया , लेकिन कलेक्टर के गायब होने को लेकर कोई स्तिथि स्पष्ट नहीं की गई। फ़िलहाल IT – ED को रानू साहू का इंतजार है। 


उधर IT – ED की टीम ने कलेक्टर का बंगला सील कर दिया है। उसकी जोर – शोर से तलाश की जा रही है। बताया जाता है कि रानू साहू द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले सभी मोबाईल नंबर भी बंद है। बता दे कि , कलेक्टर रानू साहू के पति और डायरेक्टर माइनिंग JP मौर्य अपने बंगले में है। काले कारनामो को लेकर ED की टीम उनसे भी पूछताछ कर रही है।    


सूत्रों के मुताबिक कोल तस्करी , अवैध वसूली , DMF फंड का उपयोग नियमो के विपरीत अपने निजी हितो में खर्च करने और इस रकम का राजनैतिक इस्तेमाल किये जाने को लेकर वे काफी चर्चित रही। यह भी बताया जाता है कि कोरबा और रायगढ़ में अवैध वसूली को लेकर रानू साहू के कारनामो से भूपेश बघेल सरकार की जमकर फजीयत भी हुई है।  बघेल सरकार में केबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने तो उन्हें सार्वजनिक रूप से प्रदेश की सबसे भ्रष्ट कलेक्टर कहकर कांग्रेस सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया था।


मंत्री अग्रवाल के हस्तक्षेप  के बाद रानू साहू को कलेक्टर कोरबा से हटा कर बघेल सरकार ने रायगढ़ का कलेक्टर बना दिया था। लेकिन यहाँ भी रानू साहू की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया। सूत्रों के मुताबिक सूर्यकान्त तिवारी के साथ मिलकर रानू साहू ने छत्तीसगढ़ और दिल्ली में बड़े पैमाने पर बेनामी सम्पत्ति बनाई है। सूत्रों के मुताबिक सूर्यकान्त तिवारी , हेमंत जायसवाल और बीज निगम के अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर के ठिकानो से मिले दस्तावेजी प्रमाणों से रानू साहू के काले कारनामे उजागर हो रहे है।