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छत्तीसगढ़-ओडिशा पुलिस ने शांति से चुनाव कराने की बनाई रणनीति, सीमा पर पैनी नजर

गरियाबंद. नक्सली चुनाव प्रभावित न कर सके, प्रलोभन की सामग्री भी पार न हो इसलिए ओड़िशा के धर्मगढ़ एसडीओपी ने मैनपुर एसडीओपी के साथ मिलकर शांति पूर्ण चुनाव कराने की रणनीति बनाई. सीमावर्ती थाना प्रभारियों के साथ देवभोग में बैठक कर अपराधिक गतिविधियों पर रोकथाम को लेकर चर्चा की गई.

सीमा पार ओड़िशा राज्य में 13 मई को लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ सम्पन्न होना है. वहीं प्रदेश में 26 अप्रैल को लोकसभा का मतदान होना है. चुनाव को प्रभावित करने वाले कई गतिविधियां दोनों ही राज्य में होने की संभावना बनी हुई है. लिहाजा अब इससे निपटने कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ अनुविभाग और मैनपुर अनुविभाग पुलिस ने संयुक्त रणनीति बनाई है. देवभोग थाना परिसर में मैनपुर एसडीओपी बाजी लाल सिंह और धर्मगढ़ एसडीओपी मनोज बेहेरा की अगुवानी में दोनों प्रदेश के सीमावर्ती थाना प्रभारियों के साथ एक कारगर बैठक हुई.

बैठक में चुनाव को प्रभावित करने वाले संभावित गतिविधियों पर बिंदुवार चर्चा की गई. साथ ही इससे निपटने नीति बनाई गई. अवैधानिक गतिविधि में संलिप्त लोगों की सूची व गांव का चिन्हांकन दोनों पुलिस करेगी. दोनों प्रदेश के पुलिस अफसरों का एक संयुक्त वाट्सअप ग्रुप भी होगा, जिसमें सूचना का आदान प्रदान कर इस पर त्वरित कार्यवाही हो सके, ऐसा प्रयास किया जाएगा. चुनाव की तारीख दोनों प्रदेश में अलग-अलग है. ऐसे में निर्वाचन पूर्व सीमा के दोनों छोर के शराब दुकान चुनाव तारीख के पूर्व बंद रहे, इसके लिए आला अफसरों के माध्यम से आयोग को पत्राचार करने का फैसला भी लिया गया है.

दोनों राज्य की अलग-अलग चिंता, इससे निपटना किसी चुनौती से कम नहीं

ओड़िशा की सस्ती शराब मैनपुर डिवीजन में खपाई जा सकती है. छत्तीसगढ़ व ओडिशा शराब नीति में जमीन आसमान का अंतर है. लिहाजा हमारे यहां मिलने वाले सरकारी शराब की तुलना में ओडिशा की शराब 20 से 25 फीसदी कम कीमत पर उपलब्ध हो जाता है. महुआ की पाउच पेकिंग वाली कच्ची शराब से लेकर प्रीमियर अंग्रेजी दारू व नामी कंपनी की बियर भी आसानी से उपलब्ध है. पश्चिम क्षेत्र को छोड़ शेष तीनों छोर से ओडिशा की सीमा 5 से 8 किमी के भीतर लग जाती है. यहां आवाजाही के लिए प्रमुख मार्ग के अलावा 50 से ज्यादा ऐसे कच्चे व छोटे रास्ते बने हैं, जिससे आवाजाही को रोक पाना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में रास्तों के अलावा काम में लगे लोगों पर निगरानी रख पुलिस अवैध शराब के साथ साथ अन्य प्रलोभन के सामग्री को आने से रोकने की कोशिश करेगी.

नक्सली प्रभावित जिले का सीमा इसलिए धर्मगढ़ पुलिस चिंतित

गरियाबंद नक्सल प्रभावित जिला है. विधानसभा चुनाव के दरम्यान हुए नक्सली धमाके की गूंज को ओडिशा नहीं भूल पाई है. कालाहांडी में मौजूदा इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी माह से 40 महिला व 30 पुरुष वर्दीधारी नक्सलियों की गतिविधि मैनपुर सब डिवीजन इलाके से होकर उनके अमापानी थाना क्षेत्र में बढ़ गई है. नक्सली भी मैनपुर डिविजन कमेटी के बताए गए हैं. चूंकि ओडिशा में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव की गहमा गहमी का लोड होगा. नक्सली गतिविधि के अलावा रोजी रोटी संबंध वाले छत्तीसगढ़ सीमावर्ती इलाके से चुनाव प्रभावित करने वाले प्रलोभन के कार्य को आसानी से अंजाम दिया जा सकता है. इससे निपटना भी धर्मगढ़ पोलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. ओडिशा पुलिस अभी से सीमावर्ती इलाके में वाहनों की चेकिंग के अलावा तीसरी आंख से निगरानी शुरू कर दी है.