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अब हर बच्चे को मिलेगा मां का दूध, इस राज्य मेें खुल रहा है मां के दूध' का बैंक; ज्यादा जानकारी के लिए पढ़े पूरी खबर...

 त्रिपुरा।  आपने इनवेस्टमेंट बैैंक, रक्त बैैंक, नेत्र बैैंक और यहां तक कि स्पर्म बैैंकों के बारे में सुना होगा लेकिन मां के दूध के बैैंक के बारे में सुना है क्या...। मां का अमृततुल्य दूध जीवनरक्षक बन सकता है। इसी कारण मां के दूध के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर वर्ष अगस्त माह का पहला सप्ताह स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। स्तनपान के लाभ की बात तो अकसर की जाती है लेकिन ह्यूमन मिल्क बैंक में मां का दूध मिलेगा।त्रिपुरा में बच्चों के स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए राज्य में पहली स्तनपान मैनेजमेंट यूनिट तैयार करने की योजना है। यूनिट को अगरतला में सरकारी इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल (IGM) में स्थापित किया जाना है, क्योंकि यहां हर साल ज्यादातर संस्थागत प्रसव होते हैं। त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के निदेशक सिद्धार्थ शिव जायसवाल ने कहा, "हम मौजूदा वित्तीय साल में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए अन्य कई कार्यक्रमों के साथ लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट शुरू करने का प्रस्ताव रखेंगे। ये कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना के तहत होंगे।" 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम आदि सहित कई प्रमुख परियोजनाओं में से लगभग 300 करोड़ रुपए एनएचएम के लिए प्रस्ताव पेश करेगा। लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना के लिए 10 लाख रुपये का प्रस्ताव रखा जाएगा।


अधिकारी से पूछा गया कि क्या मानव स्तन दूध बैंक शुरू करने की योजना है, इस पर उन्होंने कहा कि यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या राज्य की ऐसी मांग है। जायसवाल ने कहा, "दुग्धपान प्रबंधन इकाई स्थापित करने के बाद हमें पता चलेगा कि मानव स्तन दूध की मांग है या नहीं। अगर हमें कोई आवश्यकता मालूम होती है, तो हम मानव स्तन दूध के लिए बैंक तैयार करेंगे।"


प्रजनन और बाल स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजय रुद्रपॉल ने बताया कि यूनिट समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की मदद करेगी जो अपनी मां से दूध नहीं पी सकते हैं। साथ ही उन्हें भी मदद मिलेगी, जो स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अपने बच्चों को ठीक से स्तनपान नहीं करा सकती हैं। अगर जरूरत हुई तो यह यूनिट कम से कम 24 घंटे के लिए माताओं के स्तन के दूध को स्टोर करेगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार सर्वेक्षण-5 के के अनुसार, त्रिपुरा में छह महीने से कम उम्र के 62.1 प्रतिशत बच्चे स्तनपान कर रहे हैं।