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भारी बारिश के बाद बांधों से छोड़ा हजारों क्यूसेक पानी, महानदी और शिवनाथ नदी से निचले इलाकों में बिगड़े हालात

छत्तीसगढ़ के दक्षिण और मध्य क्षेत्रों में बारिश ने कहर मचा दिया है। भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है। धमतरी जिले के गंगरेल बांध से पानी छोड़े जाने के कारण महानदी उफान पर है। वहीं शिवनाथ नदी भी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। बस्तर में इंद्रावती नदी सहित कई नदियों में बाढ़ की स्थिति है। बिलासपुर संभाग में भी अच्छी बारिश हुई। महानदी व शिवनाथ नदी में बांधों से हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे डाउनस्ट्रीम के जिलों में बाढ़ के हालात हैं। निचले इलाकों में हालात बिगड़ गए हैं। नदी किनारे बसे गांवों को खाली कराया जा रहा है। 



सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश से बाढ़ के हालात हैं। नदी-नाले उफान पर है। बांधों से पानी छोड़ा गया है। जिला व पुलिस प्रशासन, आपदा प्रबंधन को निर्देशित किया गया है कि जहां जरूरत पड़े सहायता करें। प्रदेश में कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग स्थित सिंचाई बांध और डैम लबालब हैं। ऐसी स्थिति में बांधों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते महानदी व शिवनाथ नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। धमतरी जिला स्थित रविशंकर जलाशय से 52 हजार क्यूसेक प्रति सेकंड के हिसाब से महानदी में पानी छोड़ा गया है। सोंढूर बांध से 5 हजार क्यूसेक, सिकासेर से 13 हजार 400 क्यूसेक पानी छोड़ा हो रहा है। शिवनाथ नदी पर बने मोंगरा बैराज, सूखा नाला बैराज और घूमरिया बैराज से 70 हजार क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा गया है, जिससे डाउनस्ट्रीम के जिलों में बाढ़ के हालात हैं। 



हीराकुंड बांध से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी 

ओडिशा के संबलपुर स्थित हीराकुंड बांध में अभी करीब 900000 क्यूसेक पानी की आवक है। ओडिशा के महानदी डेल्टा क्षेत्र में भारी बारिश और ओडिशा में बाढ़ की स्थिति के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पहल पर हीराकुंड बांध के अधिकारियों ने हीराकुंड से पानी छोड़ने पर सहमति व्यक्त की है। अभी तक, हीराकुंड से लगभग 4,50000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यही वजह है कि रायगढ़ और जांजगीर चांपा जिलों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन गई है। दोनों जिलों के बाढ़ संभावित गांव में मुनादी कराने के साथ ही निचले इलाकों को खाली कराया गया है। 


बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब का क्षेत्र बन रहा

मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक मॉनसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर जैसलमेर, पूर्वी राजस्थान और उससे लगे पश्चिम मध्य प्रदेश, दमोह, अंबिकापुर, पुरुलिया, कोंटाई, और उसके बाद पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। 19 अगस्त को एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर बंगाल की खाड़ी में बनने की संभावना है। 17 अगस्त को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में गरज चमक के साथ एक-दो स्थानों पर वज्रपात भी हो सकती है। 18 अगस्त से प्रदेश में वर्षा की गतिविधि में वृद्धि होने की संभावना बन रही है।