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अरविंद केजरीवाल की हिरासत के खिलाफ याचिका पर हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ज्यूडिशियल कस्टडी के खिलाफ आज हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. केजरीवाल ने खुद की रिहाई की मांग की है. जबकि ईडी ने रिहाई का विरोध किया है.

मंगलवार को जांच एजेंसी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है. ईडी ने HC को बताया कि केजरीवाल ने हवाला लेनदेन को खुद नहीं संभाला. यानी उनका डायरेक्ट लिंक नहीं था. इस घोटाले में सबसे महत्वपूर्ण सबूत जो उनकी भूमिका को दर्शाता है, वो है साजिश के बारे में केजरीवाल को जानकारी होना.

ED ने जवाब में कहा है कि अरविंद केजरीवाल कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए आबकारी नीति 2021-22 तैयार करने की साजिश में शामिल थे और उस पॉलिसी में लाभ देने के बदले शराब व्यवसायियों से रिश्वत मांगने में भी शामिल थे.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ED को 2 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा था. दिल्ली HC आज मामले में सुनवाई करेगा. केजरीवाल ने मामले में अंतरिम राहत भी मांगी है. ईडी ने हलफनामे के जरिए अपना जवाब दाखिल किया, जिसमें कहा गया कि केजरीवाल एक्साइज पॉलिसी स्कैम में किंग पिन और मुख्य साजिशकर्ता हैं.

ईडी ने आगे कहा कि केजरीवाल को अपनी हिरासत पर सवाल उठाने का अपना अधिकार तब याद आया, जब ED ने कोर्ट से उनकी हिरासत नहीं मांगी. ऐसे में केजरीवाल अब यह दावा नहीं कर सकते कि उनकी हिरासत अवैध है. ईडी का कहना है कि हिरासत पर ट्रायल कोर्ट के आदेश उचित हैं. साथ ही पीएमएलए के तहत हमने सभी जरूरी प्रक्रियाओं का अनुपालन किया है.

‘अपराध के बारे में केजरीवाल को जानकारी थी’

फिलहाल, दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की बेंच सुबह 10:30 बजे के बाद सुनवाई करेगी. ईडी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी और हिरासत के दौरान पीएमएलए की सभी प्रक्रिया और आवश्यक शर्तों का अनुपालन किया गया है. छापे के दौरान कब्जे में मौजूद सामग्री के आधार पर ईडी के पास यह मानने का समुचित कारण है कि केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में दोषी हैं.

ईडी ने ये भी कहा है कि केजरीवाल सीधे तौर पर इस घोटाले में सामने नहीं आ रहे हैं. लेकिन उनका अपराध ये है कि उनको इस अपराध के बारे में पूरी जानकारी थी. यानी केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले के किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता हैं.

‘शराब नीति बनाने में शामिल थे केजरीवाल’

ED के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने इन पैसों का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी के लिए गोवा चुनाव अभियान में किया. साथ ही जांच एजेंसी ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण में शामिल थे.

‘साउथ ग्रुप को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार हुई शराब नीति’

वहीं ED ने अपनी ओर से दाखिल जवाब में यह भी कहा है कि साउथ ग्रुप को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए इस शराब नीति का मसौदा तैयार किया था और इसका गठन विजय नायर, मनीष सिसोदिया और साउथ ग्रुप के सदस्य प्रतिनिधियों की मिलीभगत से किया गया था. अरविंद केजरीवाल ने उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ देने के बदले में साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की थी.

‘केजरीवाल के लिए दलाली करते थे विजय नायर’

ED की ओर से कहा गया है कि विजय नायर अरविंद केजरीवाल के बहुत करीबी सहयोगी हैं. विजय नायर की दिल्ली उत्पाद शुल्क विभाग या दिल्ली सरकार में कोई भूमिका नहीं थी. वे तो रिश्वत लेने के लिए AAP के शीर्ष नेताओं (विशेष रूप से अरविंद केजरीवाल) की ओर से दलाली का काम करते थे. आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को एक अदालत ने सोमवार को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

केजरीवाल को उनकी ईडी की हिरासत अवधि पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया गया था. इस दौरान ED ने अदालत से केजरीवाल को 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पूछताछ के दौरान ‘बिल्कुल सहयोग’ नहीं किया.

21 मार्च को हुई केजरीवाल की गिरफ्तारी

ED ने इस मामले में 21 मार्च को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. अगले दिन विशेष न्यायाधीश बवेजा ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद अदालत ने ईडी की उस याचिका को स्वीकार कर लिया था, जिसमें उनकी रिमांड को चार दिन बढ़ाकर एक अप्रैल तक करने का अनुरोध किया गया था और एक अप्रैल को जब केजरीवाल फिर कोर्ट पहुंचे तो उन्हें 15 दिन के लिए जेल भेज दिया गया.